रिलायंस पावर के शेयरों में उछाल: 930 मेगावॉट सौर परियोजना का अनुबंध
हाल ही में रिलायंस पावर के शेयरों में 5% की वृद्धि देखी गई, जिससे यह 46.29 रुपये के अपर सर्किट में पहुँच गए। यह वृद्धि तब आई जब कंपनी की सहायक इकाई, रिलायंस NU सनटेक, ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 930 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का महत्वपूर्ण अनुबंध प्राप्त किया। इस अनुबंध में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की स्थापना भी शामिल है, जिससे सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।
इस परियोजना के तहत, रिलायंस NU सनटेक को कम से कम 465 मेगावॉट/1,860 MWh तक ऊर्जा संग्रहण क्षमता स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। हालांकि, इस अनुबंध पर काम शुरू होने से पहले लेटर्स ऑफ अवार्ड (LoA) का इंतजार किया जा रहा है।
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ToggleSECI से मिला बड़ा अनुबंध
रिलायंस NU सनटेक ने SECI की ट्रांज XVII नीलामी में यह अनुबंध जीता, और इसके तहत 3.53 रुपये प्रति किलोवाट घंटे (kWh) की टैरिफ पर सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करनी है। इस परियोजना में एक विशेष बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम भी शामिल है, जिससे अधिकतम सौर ऊर्जा संग्रहण की क्षमता सुनिश्चित की जाएगी। SECI के साथ कंपनी का पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) 25 वर्षों के लिए होगा, जिसमें उत्पादित सौर ऊर्जा को भारत के विभिन्न DISCOMs को बेचा जाएगा।
इस परियोजना का महत्व इस बात में भी निहित है कि इससे भारत में बैटरी स्टोरेज सिस्टम के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग और प्रभावी हो सकेगा, जिससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को हल करने में मदद मिलेगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत के ग्रीन एनर्जी मिशन को और मजबूत करेगा।
SECI से प्रतिबंध हटाया गया
रिलायंस पावर को एक और राहत मिली जब SECI ने कंपनी और उसकी सहायक इकाई रिलायंस NU BESS पर लगाए गए तीन साल के प्रतिबंध को हटा लिया। यह प्रतिबंध पहले उन्हें SECI द्वारा जारी किए गए टेंडरों में भाग लेने से रोकता था। अब, SECI द्वारा इस प्रतिबंध को हटा लिया गया है, और कंपनी को भविष्य में होने वाले टेंडरों में भाग लेने का अधिकार मिलेगा। हालांकि, SECI ने अपनी कानूनी स्थिति को सुरक्षित रखते हुए इस फैसले को जारी किया है।
यह निर्णय कंपनी के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे रिलायंस पावर को नए अवसर मिल सकते हैं और वह अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकती है। इसके अलावा, SECI के फैसले ने रिलायंस पावर के लिए एक और सकारात्मक संकेत दिया है कि उनकी परियोजनाओं को अब बिना किसी कानूनी अड़चन के लागू किया जा सकेगा।
रिलायंस पावर का वित्तीय प्रदर्शन (Q2 FY25)
रिलायंस पावर के लिए दूसरी तिमाही (Q2 FY25) का वित्तीय प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। कंपनी ने 2,878.15 करोड़ रुपये का संयुक्त शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में 237.76 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यह कंपनी के वित्तीय सुधार को दर्शाता है और इसके सकारात्मक परिणामों की ओर संकेत करता है।
हालांकि, कंपनी की कुल आय में थोड़ी गिरावट आई। Q2 FY25 में कुल आय 1,962.77 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 2,116.37 करोड़ रुपये थी। इस गिरावट के बावजूद, कंपनी का शुद्ध मुनाफा सकारात्मक दिशा में बढ़ा है, जो निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है।
रिलायंस पावर का शेयर मूल्य और निवेश पर रिटर्न
रिलायंस पावर के शेयर मूल्य में हाल ही में एक मजबूत वृद्धि देखी गई। पिछले छह महीनों में इसके शेयरों ने 46% का रिटर्न दिया, जबकि पिछले एक साल में यह रिटर्न 98.5% रहा। इसके मुकाबले, निफ्टी 50 इंडेक्स ने पिछले एक साल में केवल 18% का रिटर्न दिया।
इसके अलावा, रिलायंस पावर के शेयर ने पिछले महीने 21% और पिछले 5 दिनों में 3.7% का रिटर्न दिया। यह कंपनी के निवेशकों के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन है और यह दर्शाता है कि कंपनी का भविष्य उज्जवल है।
भारत में ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि
भारत में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती एलेक्ट्रिफिकेशन के कारण। सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से यह अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में 17 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जैसे कि 100% विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, जो गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखती है।
इन योजनाओं से न केवल बिजली की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि यह भारत को एक वैश्विक ग्रीन एनर्जी लीडर बनाने की दिशा में भी एक कदम होगा। रिलायंस पावर इस बदलाव का हिस्सा बनते हुए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर निवेश कर रहा है।
कंपनी का परिचय
रिलायंस पावर लिमिटेड भारत की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों में से एक है, जो रिलायंस ग्रुप का हिस्सा है। 1995 में स्थापित, यह कंपनी सौर, जलविद्युत, और थर्मल ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसके प्रमुख प्रोजेक्ट्स में सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (3,960 मेगावॉट) और रोसा पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं। कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 5,945 मेगावॉट है, जिसमें थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों शामिल हैं।
रिलायंस पावर नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से कदम बढ़ा रही है। भारत में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, कंपनी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर रही है।
निष्कर्ष
रिलायंस पावर का हालिया 930 मेगावॉट सौर ऊर्जा अनुबंध और SECI से प्रतिबंध का हटना दोनों ही कंपनी के लिए सकारात्मक विकास हैं। इसके अलावा, कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन और शेयरों का रिटर्न भी निवेशकों के लिए अच्छे संकेत दे रहा है। अब, रिलायंस पावर की योजना नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक निवेश करने की है, जिससे वह भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी।
Disclaimer : हम सेबी के द्वारा पंजीकृत रिसर्च एनालिस्ट नहीं हैं ,ये लेख सिर्फ और सिर्फ शैक्षिणिक उद्देश्य की दृष्टि से लिखा गया हैं,और इसमें किसी भी प्रकार की निवेश अनुसंशा नहीं की जाती हैं। शेयर मार्केट में बहुत जोखिम शामिल होता हैं, इसलिए निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।
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