आज के इस वर्तमान समय में बहुत से लोग Trading के माध्यम से बहुत मोटा पैसा छाप रहें। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो Trading के माध्यम से पैसा कमाना न चाहता हों। नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम जानने वाले हैं कि ट्रेडिंग क्या होती है और नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें ताकि वो भी बिना किसी रिस्क और घवराहट के साथ ट्रेडिंग करके अच्छे पैसे छाप सकें। आइये शुरू करते हैं फिर …
ट्रेडिंग क्या हैं ?
आज के समय में शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसने ट्रेडिंग के बारें न सुना हो। आज ट्रेडिंग बहुत ज्यादा पॉपुलर और आम हो चुकी हैं और इसी वजह से आपको हर किसी व्यक्ति की जुवान से यह शब्द सुनने को मिल जाता हैं।
ट्रेडिंग और कुछ बल्कि एक व्यापारिक प्रक्रिया हैं जिसमे व्यक्ति कम कीमत में चीजों जैसे -शेयर्स ,बांड्स और ऑप्शन को खरीदकर ,ज्यादा कीमत में बेचता हैं या ज्यादा कीमत में किसी चीज को बेचकर बाद में उसी चीज को कम कीमत में खरीद लेता हैं और अच्छा लाभ कमाता हैं।लोगों का ट्रेडिंग करने उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ लाभ कमाना होता हैं।
या
जब भी कोई कंपनी अपने शेयर्स को आईपीओ के जरिये प्राइमरी मार्केट में लाकर स्वयं को लिस्ट करवाती हैं तो उसके बाद लोग उस कंपनी के शेयर्स को खरीदने और बेचने लग जाते हैं और लाभ कमाते हैं। इसी प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहा जाता हैं ,इस प्रक्रिया में जो व्यक्ति भाग लेते हैं उन्हें या तो ट्रेडर या निवेशक कहा जाता हैं।
Read More : big breakout stocks-हिंदी में जानें ?
जब कोई व्यक्ति प्रतिदिन किसी कंपनी के शेयर्स को खरीद और बेचकर लाभ कमाता हैं तो उसे ट्रेडर कहा जाता हैं। जबकि यदि कोई व्यक्ति शेयर्स को एक बार खरीदकर उन शेयर्स को 1 दिन या उसके बाद कभी भी बेचता हैं तो उसे निवेशक कहा जाता हैं।
ट्रेडिंग क्यों की जाती हैं ?
ट्रेडिंग करने के बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से ट्रेडर, निवेशक या अधिकतर लोग ट्रेडिंग करते रहते हैं जिनके बारें में नीचे विस्तार से बताया गया हैं।
इस प्रकार लोगों के ट्रेडिंग करने के बहुत से कारण और रुचियाँ होती हैं और प्रत्येक कारण में बहुत से रिस्क मौजूद होते है।
Types of Trading
ट्रेडिंग के प्रकार :
ट्रेडिंग के प्रकार के बारें में नीचे विस्तार से बताया गया हैं :
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading): जैसा कि इसके नाम से पता चलता हैं कि इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर को एक दिन के भीतर ही चीजों अर्थात शेयर्स को खरीदना और बेचना या बेचना और खरीदना पड़ता हैं। अगर ट्रेडर स्वयं शेयर्स को बेच या खरीद नहीं पाता हैं तो ब्रोकर अपने आप मार्केट के बंद होने के दौरान खुद से ट्रेडर की पोजीशन को क्लोज कर देता हैं।इस प्रकार की ट्रेडिंग को बिना उचित जानकारी के कभी नहीं करना चाहिए क्योकिं इस ट्रेडिंग में नुकसान के चांस बहुत ही ज्यादा होते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading): इस प्रकार की ट्रेडिंग में निवेशक किसी शेयर को खरीद कर शेयर को 1 दिन से लेकर सप्ताह ,2 सप्ताह के बाद बेच देता है। इस ट्रेडिंग में निवेशक शेयर की कीमत में हुए शार्ट टर्म बदलाव से 2-8% लाभ कमा लेता हैं।
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading): इस ट्रेडिंग में निवेशक किसी शेयर को खरीदकर उसे 1 महीना से लेकर 6 महीने के बाद बेचकर पैसे कमाते हैं।
डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading): डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को खरीद कर अपनी इक्षानुसार शेयर्स को जब चाहे तक बेचता हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग नए लोगों के लिए बहुत अच्छी होती हैं। जो ट्रेडिंग सीखकर मार्केट में आना चाहते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading): यह एक अलग प्रकार की ट्रेडिंग होती हैं इसमें ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स को खरीदना और बेचना शामिल होता हैं। इसमें धारक को ऑप्शन खरीदने और बेचने का अधिकार होता है न कि दायित्व।
फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading): इस प्रकार की ट्रेडिंग में स्टॉक्स ,इंडेक्स ,कमोडिटी और अन्य वित्तीय उपकरणों के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्टस की खरीद ,बेच की जाती हैं।
करेंसी ट्रेडिंग (Currency Trading): इस ट्रेडिंग में विभिन्न प्रकार की कर्रेंसियों को खरीदने और बेचने को व्यापार होता है।
कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading): जैसा इसके नाम से जाहिर हैं कि इस ट्रेडिंग में बहुत प्रकार की कमोडिटी जैसे एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स ,नेचुरल रिसोर्स ,कीमती धातुएं आदि की खरीद परौख की जाती हैं।
क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading): इस ट्रेडिंग में विभिन्न प्रकार की क्रिप्टो कर्रेंसियों की ट्रेडिंग की जाती हैं जैसे बिटकॉइन ,दोगी कॉइन ,एथेरेयम आदि।
पेयर्स ट्रेडिंग(Pairs Trading) : इस ट्रेडिंग में किन्ही दो प्रकार की कॉइन कर्रेंसियो को आपस में ट्रेडिंग करके प्राप्त किया जाता है। जैसे -USDB से BFIC आदि।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading): यह एक अल्पकालिक ट्रेडिंग हैं इसमें ट्रेडर बहुत छोटे छोटे ट्रेडिंग सत्रों में जल्दी जल्दी लाभ कमाने के लिए ट्रेड्स को करता है। और ये सब ट्रेड्स टेक्निकल इंडीकेटर्स के माध्यम से किये जाते हैं।
Difference Between Trading & Investing
जब कोई व्यक्ति शेयर्स को खरीदकर उन शेयर्स को थोड़े समय बाद अर्थात 1 दिन से लेकर 1-2 महीने में बेच देता हैं तो उसे ट्रेडिंग कहते हैं। और इसके कई प्रकार हैं जैसे -इंट्राडे ,स्विंग या पोसिशनल ट्रेडिंग। इस तरह की ट्रेडिंग को करने के लिए खासकर इंट्राडे ट्रेडिंग को करने के लिए किसी भी ट्रेडर को अच्छे खासे ज्ञान और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता की जरुरत होती हैं। क्योकि इसमें छोटी सी गलती ट्रेडर को बहुत बड़ा नुकसान करवा सकती हैं।
Read More : How To Find Breakout Stocks In Hindi
अगर बात इन्वेस्टिंग कि की जाये तो यह एक बहुत अच्छी लॉन्ग टर्म रणनीति होती हैं। जिससे निवेशक बड़े आराम से अच्छे खासे पैसे कमा सकता हैं। इस रणनीति में निवेशक को किसी ज्यादा ज्ञान की आवश्यकता नहीं हैं।इसमें सिर्फ मूलभूत ज्ञान के आधार पर एक आम आदमी भी निवेश करके पैसे कमा सकता है। और यह रणनीति हर नए व्यक्ति को मार्केट में आने पर अपनानी चाहिए जिससे उसे मार्केट को समझने और सीखने में मदद मिलें।
Pros & Cons of Trading
फायदे :
फाइनेंसियल मार्केट में ट्रेडिंग करने के बहुत से फायदे होते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया हैं :
लाभ कमाना : ट्रेडिंग करके लाभ कमाना ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा हैं जिस वजह से लोग फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स में ट्रेडिंग करते हैं।
लिक्विडिटी : फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स में ट्रेडिंग करने का एक बहुत बड़ा कारण लिक्विडिटी भी हैं जिसके वजह से बहुत से लोग ट्रेडिंग करने के लिए फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स को चुनते हैं। हाई लिक्विडिटी की वजह से फाइनेंसियल मार्केट में एंटर और एग्जिट करना बहुत आसान होता हैं।
आसान पहुंच: टेक्नोलॉजी की वजह से फाइनेंसियल मार्केट में काम करना बहुत आसान हो गया हैं। अब कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल ,डेस्कटॉप से इंटरनेट के माध्यम से कभी भी और कहीं से भी ट्रेडिंग कर सकता है।
ग्लोबल मार्केट: टेक्नोलॉजी की बदौलत ग्लोबल मार्केट होने की वजह से अब किसी भी ट्रेडर या निवेशक को किसी लोकल मार्केट की तरह अपनी शॉप पर दिनभर बैठकर सीमित ग्राहकों का इंतजार नहीं करना पड़ता हैं वो कहीं भी रहकर अपना ट्रेडिंग व्यापार बड़े आराम से कर सकता हैं।
ज्ञान की बढ़ोत्तरी: ट्रेडिंग करके लोगो को मार्केट,फाइनेंस ,इकोनॉमिक्स ,मार्केट डायनामिक्स के बारें में सीखने को मिलता हैं।
नुकसान :
आप में से अधिकतर लोग जानते होंगे कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने से सिर्फ लाभ नहीं होता हैं बल्कि बहुत बार अच्छे ट्रेडर्स और निवेशकों को भी नुकसान हो जाता हैं। और जो लोग शेयर मार्केट में बिना ज्ञान के जाते हैं उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान होता हैं। नीचे नुकसान के कुछ कारण विस्तार से बताये गए हैं :
वोलैटिलिटी : कई बार ऐसा होता हैं कि निवेशक मार्केट को सही से पता नहीं कर पाते हैं या कोई अनएक्सपेक्टेड घटना घटित हो जाती हैं। जिसके वजह से मार्केट में बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिलता हैं। इसी वजह से निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता हैं।
खराब रिस्क मैनेजमेंट: कई बार निवेशक अपने रिस्क को अच्छे से मैनेज नहीं करते हैं ,वे स्टॉपलॉस को सेट करना भूल जाते हैं और इसी वजह से उन्हें उनकी आशा से अधिक नुकसान उठाना पड़ता हैं।
अनुशासन की कमी : बहुत से निवेशक ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग के रूल्स और डिसिप्लिन को नहीं मानते हैं। जिस वजह से उन्हें नुकसान होता हैं।
ज्ञान और स्किल की कमी : वो कहते हैं न कि सांप के बिल में हाथ तभी डालना चाहिए जब तुम्हे जहर उतारना आता हो। ठीक ऐसे ही अगर बिना ज्ञान और स्किल के मार्केट में ट्रेडिंग करने जाओगे तो ऑपरेटर रूपी सांप से तुम जरूर मारें जाओगे।
मार्केट की स्थिति : अगर मार्केट में स्थितियां खराब बनी हुयी है जैसे-कम लिक्विडिटी ,हाई वोलैटिलिटी ,अनएक्सपेक्टेड न्यूज़ इवेंट्स तो निवेशकों को ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए क्योकि यह आपको मार्केट में नुकसान करवा सकते हैं।
Things to Considered to Learn Trading
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि शेयर मार्केट में बहुत से लोग बहुत पैसे कमाते हैं। तो मैं आपको पहले बता देता हैं कि वो लोग यह पैसे किसी किस्मत या तुक्केबाजी से नहीं कमा रहे होते हैं। जो भी लोग ट्रेडिंग से पैसे कमाते हैं वो इसके बारे में बहुत बारीकियों से जानकारी इकट्ठा करते हैं और अपनी स्किल्स को निखारते हैं।
अगर आप भी किसी चीज को अच्छे से सीखते हैं तो आप भी उस चीज में महारथ हासिल कर सकते हैं ,अगर आप भी ट्रेडिंग सीखने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ट्रेडिंग सीखने से लिए कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपको ट्रेडिंग सीखने में और मार्केट में काम करते समय किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें और आप स्वयं उस समस्या को सुलझाकर अपने आप को नुकसान से बचा सकें।
- ट्रेडिंग के बेसिक्स के बारें में जानें।
- ट्रेडिंग सीखने के लिए प्रतिदिन इंडेक्स और उसके स्टॉक्स के प्राइस पर नजर रखने की कोशिश करें।
- ट्रेडिंग में बेसिक्स स्ट्रेटेजी को सबसे पहले सीखें।
- ट्रेडिंग में वित्तीय और गणितीय गणनाओं को जानने की कोशिश करें।
- शेयर बाजार में विश्लेषण करना सीखें।
- एक अच्छे ब्रोकर को चुनें।
- किसी भी tip और recommedation पर कभी भरोसा न करें।
- हमेशा अपने विश्लेषण के आधार पर मार्केट में काम करें।
- मार्केट में धैर्य और अनुशासन के साथ ट्रेड करें।
- अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें बार बार न दोहराहे।
- हमेशा अपनी क्षमता के हिसाब से जोखिम लें।
- शेयर मार्केट का गुरु मंत्र हमेशा रिस्क प्रबंध करना सीखें।
- नुकसान से बचने के लिए, स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें.
- किसी ऐसे सलाहकार की मदद लें जो इस काम में बहुत विशेषज्ञ हो।
- अपनी नॉलेज को हमेशा अपडेट और इम्प्रूव करते रहें।
- छोटे छोटे अमाउंट से ट्रेडिंग शुरू करें।
- ट्रेडिंग में सबसे पहले लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के बारें में सीखें ,क्योंकि यह आपके लिए ट्रेडिंग में अच्छा अनुभव प्रदान करेगा।
- पेपर ट्रेडिंग से अपनी क्षमताओं को परखें।
- अपने जैसे लोगों की तलाश करें और उनसे सीखें।
- मार्केट में आने वाली खबरों के बारें में विश्लेषण करना सीखें।
- शुरुवात में कभी भी इंट्राडे ,फ्यूचर &ऑप्शंस में ट्रेडिंग न करे।
- स्टॉक्स और इंडेक्स के पिछले डाटा पर बैकटेस्टिंग करें।
- अपनी स्वयं की रणनीतियां बनाना सीखें।
How to Learn Trading?
वैसे आज की इस डिजिटल दुनिया में किसी भी चीज के बारें मे सीखना बहुत आसान हो गया। लोग अपने घर पर बैठे बैठे किसी भी काम को बहुत ही आसानी के साथ सीख कर सकते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि हम ट्रेडिंग कैसे सीखें। तो आपके लिए मार्केट में बहुत से ऑनलाइन और ऑफलाइन साधन मौजूद हैं। जिससे आप बड़ी आसानी से ट्रेडिंग को सीख सकते है।
ऑनलाइन तरीके :
Youtube : जैसा कि आज हम सबको पता हैं कि यूट्यूब पर हर क्षेत्र से जुड़े हुए व्यक्ति देखने को मिल जाते हैं।आज यूट्यूब पर शेयर मार्केट से संबंधित हजारों वीडियो देखने को मिल जाएगी।आप उन वीडियोस से या किसी विशेष व्यक्ति से बड़े आसानी से फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते हैं। आप यूट्यूब पर पुष्कर राज ठाकुर ,प्रांजल कमरा , एसेट योगी से ट्रेडिंग बहुत आसान शब्दों में सीख सकते हैं।
Online Course : आज ऑनलाइन मार्केट में शेयर बाजार या ट्रेडिंग से संबंधित हजारों free और paid कोर्सेज मौजूद हैं ,आप किसी भी कोर्स को खरीद कर ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
Blog / Newsletter : आपको गूगल पर भी बहुत सी वेबसाइट देखने को मिल जाएँगी जहाँ पर ट्रेडिंग से संम्बन्धित ब्लॉग पोस्ट रेगुलर पब्लिश किये जाते हैं।
Trading App: गूगल प्ले स्टोर पर बहुत से ऐसे ऑनलाइन एप्प्स मौजूद हैं जिनसे आप ट्रेडिंग बहुत आसानी से सीख सकते हैं।
Paper Trading: आज ऑनलाइन मार्केट में बहुत से फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स मौजूद हैं जो आपको ट्रेडिंग सीखने के लिए पेपर ट्रेडिंग सिस्टम उपलब्ध करवाते हैं। आप गूगल पर सर्च करके अपनी सुविधानुसार पेपर ट्रेडिंग प्लेटफार्म को चुन सकते हैं।
ऑफलाइन तरीके:
Books: आज बाजार में बहुत सी शेयर मार्केट से संबंधित किताबें मौजूद हैं जो आपको बहुत बेसिक से लेकर एडवांस तक ट्रेडिंग सिखा सकती हैं।
Offline Course: आज मार्केट में ऑनलाइन के साथ साथ बहुत ऑफलाइन कोर्स भी मौजूद हैं जहां आप पर ट्रेडिंग सीखने के लिए ऑफलाइन कोर्स को ज्वाइन सकते हैं ,और इससे आपको टीचर से डायरेक्ट मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता हैं।
Experience Person : आपके आस पास बहुत से ऐसे लोग मौजूद होंगे जो ट्रेडिंग बहुत दिनों से कर रहें हैं और अच्छा पैसा कमा रहें हैं। आप उनसे ट्रेडिंग सीखकर अपने आप को ज्ञानवान बना सकते हैं क्योंकि उनके पास ट्रेडिंग का बहुत अच्छा अनुभव होता हैं।
Mentorship: बहुत से ऐसे प्रोफेशनल होते हैं जो ट्रेडिंग संबंधी मेंटोरशिप प्रदान करते हैं। आप उनसे मेंटोरशिप प्राप्त करके ट्रेडिंग को बड़े आराम से सिख सकते हैं।
Trading Network ज्वाइन करके : आज बाजार में कई ट्रेडिंग नेटवर्क मौजूद हैं जो आपको ट्रेडिंग नेटवर्क के साथ साथ एजुकेशनल नेटवर्क भी प्रदान करते हैं। जहां ज्वाइन करके आप ट्रेडिंग को बहुत ही आसानी से सीख सकते हैं।
Rules of Trading
जैसे कि हम आपको ट्रेडिंग सीखने के बारें में बता चुके हैं कि कैसे आप ट्रेडिंग सीख सकते हैं।जब आप ट्रेडिंग को काफी सीख जाये। तब आपको मार्केट में ट्रेड करके अनुभव प्राप्त करना चाहिए ताकि आपको अपनी सीखीं गयी स्किल्स पर अभ्यास और भरोसा हो सकें और आपको नुकसान न सहना पड़ें।
मार्केट में नुकसान से बचने के लिए ट्रेडिंग के कुछ नियम होते हैं जिनका हमे बहुत ईमानदारी और अनुशासन से पालन करना चाहिए :
एक अच्छे ब्रोकर का चुनाव करें : शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको हमेशा ऐसे ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए। जो आपके लिए अच्छा हों अर्थात आपकी जरूरतों को पूरा करता हों। मार्केट में आज के समय बहुत से ब्रोकर मौजूद हैं जैसे -शेरखान ,ज़ेरोधा ,एम स्टॉक्स आदि।
इन्वेस्टिंग से शुरुआत करें :अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात कर रहे हैं तो आपको शुरुवात सिर्फ और सिर्फ इन्वेस्टिंग से करनी चाहिए। ताकि आपको मार्केट में बनें रहने में आसानी हो। क्योंकि शुरुवात में इंट्राडे ,फ्यूचर & ऑप्शंस करने वाले ट्रेडर्स को शेयर मार्केट उठा-उठा कर पटकता हैं अर्थात इंट्राडे ,फ्यूचर और ऑप्शन नए लोगो के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं हैं।
अपनी क्षमता के हिसाब से ही जोखिम लें : आपको शेयर मार्केट में कोई ट्रेड तभी लेना चाहिए,जब आपको लगें कि यह ट्रेड मेरे लिए ठीक हैं और अगर यह उल्टा भी पड़ जाये तो मैं इसे आसानी से सह सकूँ।
ट्रेडिंग प्लान : किसी भी प्रकार के ट्रेड को एक्सेक्यूट करने से पहले उस ट्रेड के लिए प्लान जरूर बताये। ताकि हमे पता रहे कि हम आगे क्या करने वाले हैं। जिससे हमे निर्णय लेने में आसानी रहें।
ज़रूरी रिसर्च : अगर आप किसी स्टॉक्स में कोई पोजीशन बनाना चाहते हैं तो आपको उस स्टॉक्स के टेक्निकल पास्ट रिकॉर्ड और फंडामेंटल की रिसर्च जरूर करनी चाहिए।ताकि आपको उस स्टॉक के बारे में गहराई से जानकारी हो जाएँ।
अपना setup चुने : जब आप ट्रेडिंग प्लान और जरुरी रिसर्च कम्पलीट कर लें तब आपको उस ट्रेड को एक्सेक्यूट करने के लिए एक उचित सेटअप का चुनाव करना चाहिए। जो आपको आपके लक्ष्य प्राप्ति के लिए अच्छा और आसान हो।
Read More :Share Market Kya Hai In Hindi-हिंदी में जानें ?
स्टॉपलॉस रखें : शुरुवाती और अनुभवी हर ट्रेडर को यह सलाह दी जाती हैं कि उन्हें अपने हर ट्रेड के लिए एक उचित स्टॉपलॉस को जरूर सेट करके रखना चाहिए। ताकि उनके कैपिटल को ज्यादा नुकसान न पहुंचे।
छोटे अमाउंट से शुरुवात : जब भी आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना शुरू करें तब आपको छोटे छोटे अमाउंट से शुरुवात करनी चाहिए ताकि आपको थोड़ा थोड़ा नुकसान और फायदा हों।और आपका धीरे धीरे कॉन्फिडेंस बढ़े।
रिस्क मैनेजमेंट :शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना रिस्क मैनेजमेंट के बिना असंभव हैं ,क्योंकि हमें ट्रेडिंग में दोनों तरफ की संभावनाओं को लेकर चलना पड़ता हैं और हम उसी प्रकार से रिस्क को मैनेज करके चलते हैं ताकि हमें कम से कम नुकसान सहना पड़े।
रिस्क to रिवार्ड्स रेश्यो : हर ट्रेडर को अपने ट्रेड के बारे में यह जानकारी जरूर होनी चाहिए। कि उस संबंधित ट्रेड से हमे कितना रिस्क और रिवॉर्ड हासिल हो सकता हैं। हमे ऐसे ट्रेड्स में काम करना चाहिए जिसमे हमे कम रिस्क पर ज्यादा रिवॉर्ड हासिल हो।
पोर्टफोलियो में विविधता : अगर आप शुरुवात में इन्वेस्टिंग करते हैं तो आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता जरूर लानी चाहिए। क्योकि शेयर मार्केट में अलग अलग इंडस्ट्री के शेयर्स की कीमत में अलग अलग तरीके से उछाल और गिरावट आती हैं।कभी किसी इंडस्ट्री के शेयर्स ऊपर चढ़े होते हैं तो कभी किसी इंडस्ट्री के शेयर गिरे पड़े रहते हैं। इसलिए आपको हर इंडस्ट्री के शेयर्स को अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहिए ताकि आपके पोर्टफोलियो की रिटर्न में ज्यादा गिरावट न देखने को मिलें।और आपका कैपिटल बड़े मार्केट फॉल में सुरक्षित रह सकें।
How to Trade ?
अब जब आप उपरोक्त सभी चरण को पूरा कर लें तब आपको निम्न तरीके से ट्रेडिंग करनी हैं
- आपको अपने ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर लॉगिन करना हैं।
- उसके बाद आपको अपने बैंक अकाउंट से अपने ट्रेडिंग अकाउंट में अपनी सुविधानुसार पैसे को Add करना हैं।
- अब आपको अपनी रिसर्च ,प्लान ,क्षमता ,रिस्क-रिवॉर्ड ,स्टॉपलॉस के हिसाब से स्टॉक को चुनना हैं।
- इसके बाद आप अपनी एंट्री और एग्जिट के हिसाब से अपनी कार्यवाही करके ट्रेडिंग करनी हैं ताकि आपको अपने पैसे पर एक अच्छी रिटर्न प्राप्त हो जाएँ।
Conclusion :
इस लेख में हम ट्रेडिंग को बहुत बेसिक से लेकर एडवांस तक कवर कर चुके हैं अगर आपको इस लेख से संबंधित हो सुझाव या Query हो तो आप हमें बिना देरी किये हुए आसानी से कांटेक्ट कर सकते हैं। हम आपके सुझाव और Query का जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे।
नोट : इस लेख को सिर्फ एजुकेशनल उद्देश्य की दृष्टि से लिखा गया हैं। शेयर मार्केट में बहुत जोखिम शामिल होता हैं इसलिए शेयर मार्केट में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग ,और इन्वेस्टिंग करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ताकि किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि से बचा जा सकें।