Fundamental Analysis क्या है, कैसे काम करता है, और आपके लिए क्यों जरूरी है?

Fundamental Analysis in Hindi
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क्या आपने कभी सोचा है कि किसी कंपनी के बारे में पूरी जानकारी कैसे मिल सकती है? Fundamental Analysis आपको यही मौका देता है! यह जानने के लिए कि किसी कंपनी का भविष्य कैसा हो सकता है, आपको उसके फाइनेंशियल आंकड़े, प्रबंधन और बाजार की स्थिति को समझना होगा। इस पोस्ट में जानें कैसे Fundamental Analysis से निवेशक सही फैसले ले सकते हैं और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि कौन सी कंपनियां आपके पैसे को बढ़ा सकती हैं? तो पढ़ें पूरा पोस्ट और जानें कैसे!

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What is Fundamental Analysis ?

Fundamental Analysis का मतलब है किसी कंपनी की असल ताकत और कमजोरी को समझना। इसमें कंपनी के फाइनेंशियल आंकड़े, बाजार की स्थिति, और अन्य फैक्टर्स को देखकर यह जाना जाता है कि कंपनी की हालत कैसी है और भविष्य में कैसा प्रदर्शन हो सकता है। इसे समझने से निवेशक सही फैसले ले सकते हैं।

  1. Importance in Investment Decisions : Fundamental Analysis से निवेशक यह जान सकते हैं कि किसी कंपनी के शेयर में बढ़ोतरी हो सकती है या नहीं। यह निवेशकों को यह निर्णय लेने में मदद करता है कि उन्हें कौन सी कंपनी में पैसे लगाने चाहिए। इससे वे अपने निवेश को सुरक्षित रखते हुए अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
  2. Purpose and Goals of Fundamental Analysis : Fundamental Analysis का मुख्य उद्देश्य यह है कि निवेशक किसी कंपनी के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें। इसका लक्ष्य यह है कि निवेशक समझदारी से निवेश करें और दीर्घकालिक लाभ के लिए सही कंपनी का चयन करें। इससे उन्हें अपने पैसे का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने में मदद मिलती है।

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Key Components of Fundamental Analysis

Fundamental Analysis में कई महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो एक कंपनी के बारे में गहरी जानकारी देते हैं। इन घटकों की मदद से हम कंपनी की वित्तीय स्थिति, प्रबंधन, और आर्थिक प्रभावों को समझ सकते हैं, जिससे निवेश निर्णय सही तरीके से लिए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ मुख्य घटकों के बारे में:

Financial Statements

वित्तीय विवरण एक कंपनी के पैसे की स्थिति बताते हैं। इसमें तीन मुख्य रिपोर्ट्स होती हैं: आय विवरण, बैलेंस शीट, और नकदी प्रवाह विवरण। इनकी मदद से हम जान सकते हैं कि कंपनी कितना पैसा कमा रही है, उसके पास क्या संपत्ति है और खर्चे कितने हैं।

  1. Income Statement : आय विवरण बताता है कि कंपनी ने एक तय समय में कितनी कमाई की और खर्च कितने किए। इसमें कंपनी के मुनाफे (Profit) और नुकसान (Loss) का हिसाब होता है। यह जानने के लिए कि कंपनी की हालत कैसी है, इस रिपोर्ट का अध्ययन करना जरूरी है।
  2. Balance Sheet : बैलेंस शीट में कंपनी की संपत्ति, देनदारियां और उसकी पूंजी के बारे में जानकारी होती है। यह रिपोर्ट बताती है कि कंपनी के पास कितनी संपत्ति है, उसे कितना उधार है, और कंपनी के मालिकों की कितनी पूंजी है। यह निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति समझने में मदद करती है।
  3. Cash Flow Statement : नकदी प्रवाह विवरण बताता है कि कंपनी के पास कितना नकद आ रहा है और जा रहा है। यह तीन हिस्सों में बंटा होता है: व्यापार से होने वाली आय (Operational), निवेश से होने वाली आय (Investing), और पैसे के उधारी से (Financing)। इस रिपोर्ट से हम यह जान सकते हैं कि कंपनी के पास भविष्य के खर्चों के लिए कितनी नकदी है।

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Management and Corporate Governance

प्रबंधन और गवर्नेंस कंपनी के अच्छे संचालन के लिए जरूरी होते हैं। जब कंपनी का प्रबंधन अच्छा होता है, तो वह सही फैसले लेता है। अच्छा गवर्नेंस यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी सही तरीके से और पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। यह निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।

Industry and Economic Factors

उद्योग और आर्थिक स्थिति कंपनी के विकास को प्रभावित करती है। आर्थिक मंदी या तेजी, बाजार में प्रतिस्पर्धा, और उद्योग में बदलाव, सभी कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। इनका सही आकलन करने से निवेशकों को समझने में मदद मिलती है कि कंपनी किस स्थिति में है।

  1. Industry Analysis : उद्योग विश्लेषण से हम यह समझ सकते हैं कि एक खास उद्योग में क्या चल रहा है। इसमें यह देखा जाता है कि कितनी कंपनियां उस उद्योग में हैं, क्या नई तकनीक आ रही है, और उस उद्योग का भविष्य क्या है। यह निवेशकों को यह तय करने में मदद करता है कि किस उद्योग में निवेश किया जाए।
  2. Economic Environment and its Impact : आर्थिक स्थिति, जैसे मुद्रास्फीति, ब्याज दर, और जीडीपी वृद्धि, कंपनी की कमाई और उसके भविष्य पर असर डालते हैं। अगर देश की आर्थिक स्थिति अच्छी है, तो कंपनी का प्रदर्शन भी बेहतर हो सकता है। इसके उलट, अगर आर्थिक मंदी है, तो कंपनी को नुकसान हो सकता है।

Market Valuation

बाजार मूल्यांकन से हम यह जानते हैं कि कंपनी का शेयर कितना मूल्यवान है। यह मूल्यांकन P/E (Price to Earnings) और P/B (Price to Book) जैसे मानकों से किया जाता है। इससे निवेशक समझ पाते हैं कि एक कंपनी का शेयर सस्ता है या महंगा, और वे इस पर निर्णय लेते हैं।

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Key Metrics in Fundamental Analysis

Fundamental Analysis में कुछ प्रमुख मापदंड होते हैं जो किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन को समझने में मदद करते हैं। इन मापदंडों के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि कंपनी कितना लाभ कमा रही है, उसके शेयर की कीमत सही है या नहीं, और वह अपने निवेशकों के पैसे का किस तरह से उपयोग कर रही है। आइए, जानते हैं इन प्रमुख मापदंडों के बारे में:

Earnings Per Share (EPS)

EPS (Earnings Per Share) वह माप है जो बताता है कि कंपनी ने हर शेयर के लिए कितनी कमाई की है। यह निवेशकों को बताता है कि कंपनी कितना मुनाफा कमा रही है और यह शेयरधारकों के लिए कितना फायदेमंद है।

Formula :

EPS का फार्मूला इस प्रकार है:
EPS = (कुल मुनाफा – प्राथमिक स्टॉक पर डिविडेंड) / कुल शेयर
इससे पता चलता है कि कंपनी के हर शेयर के लिए कितनी कमाई हुई है।

Significance : EPS यह बताता है कि कंपनी कितना अच्छा काम कर रही है। अगर EPS ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया है और निवेशकों के लिए यह अच्छा है।

Price-to-Earnings Ratio (P/E)

P/E Ratio शेयर की कीमत को कंपनी के मुनाफे से तुलना करता है। यह निवेशकों को यह बताता है कि कंपनी का शेयर कितना महंगा है या सस्ता है।

Formula :

P/E का फार्मूला है:
P/E = शेयर की कीमत / प्रति शेयर मुनाफा (EPS)
यह बताता है कि शेयर की कीमत कंपनी के मुनाफे के हिसाब से कितनी ज्यादा या कम है।

Interpretation : अगर P/E ज्यादा है, तो शेयर महंगा हो सकता है। अगर P/E कम है, तो शेयर सस्ता हो सकता है। यह इस बात को समझने में मदद करता है कि निवेश कितना सही है।

Return on Equity (ROE)

ROE यह मापता है कि कंपनी अपने निवेशकों के पैसे से कितनी कमाई कर रही है। यह जितना ज्यादा होगा, कंपनी उतना अच्छा काम कर रही है।

Formula :

ROE का फार्मूला है:
ROE = कुल मुनाफा / शेयरधारकों का निवेश
यह बताता है कि कंपनी अपने निवेशकों के पैसे पर कितना मुनाफा कमा रही है।

Meaning and Importance : ROE ज्यादा होने का मतलब है कि कंपनी अपने निवेश का अच्छे से उपयोग कर रही है। यह निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है।

Debt-to-Equity Ratio (D/E)

D/E Ratio कंपनी के कर्ज को उसके निवेशकों के पैसे से तुलना करता है। इससे यह पता चलता है कि कंपनी को कितने कर्ज पर काम करना पड़ रहा है।

Formula :

D/E का फार्मूला है:
D/E = कुल कर्ज / शेयरधारकों का निवेश
यह बताता है कि कंपनी पर कितना कर्ज है।

Risk Assessment : अगर D/E ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि कंपनी पर कर्ज का दबाव ज्यादा है, जो जोखिम बढ़ा सकता है। कम D/E का मतलब है कि कंपनी कम कर्ज पर काम कर रही है।

Dividend Yield

Dividend Yield यह बताता है कि कंपनी अपने शेयरों पर कितना लाभांश (dividend) देती है। यह आय के लिए निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है।

Formula :

Dividend Yield का फार्मूला है:
Dividend Yield = (एक साल का डिविडेंड / शेयर की कीमत) x 100
यह बताता है कि शेयर पर कितनी आय मिल रही है।

Significance for Income Investors : जो निवेशक नियमित आय चाहते हैं, उनके लिए Dividend Yield बहुत महत्वपूर्ण होता है। ज्यादा Dividend Yield का मतलब है कि निवेशक को ज्यादा लाभांश मिल सकता है।

Price-to-Book Ratio (P/B)

P/B Ratio यह बताता है कि कंपनी की बाजार कीमत उसकी असली कीमत (book value) से कितनी अलग है। इससे निवेशक यह समझ सकते हैं कि कंपनी कितनी महंगी या सस्ती है।

Formula :

P/B का फार्मूला है:
P/B = शेयर की कीमत / कंपनी की बही-खाता कीमत
यह बताता है कि कंपनी की असली कीमत और बाजार में उसकी कीमत में कितना फर्क है।

Usage in Valuation : कम P/B अनुपात वाले शेयर सस्ते हो सकते हैं और निवेश के लिए अच्छे हो सकते हैं। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कंपनी की वैल्यू क्या है।

Market Capitalization

Market Cap यह बताता है कि कंपनी का कुल बाजार मूल्य कितना है। यह कंपनी की कुल कीमत को समझने का तरीका है। Market Cap यह जानने में मदद करता है कि कंपनी कितनी बड़ी है और शेयर बाजार में उसका प्रभाव कितना है।

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Steps in Conducting Fundamental Analysis

Fundamental Analysis का उद्देश्य किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य को समझना है। इसके लिए हमें कई कदम उठाने होते हैं, जैसे वित्तीय जानकारी जुटाना, कंपनी के लाभ और स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना, और बाजार की स्थितियों को समझना। इन कदमों से हम यह तय कर सकते हैं कि किसी कंपनी में निवेश करना फायदेमंद रहेगा या नहीं।

Financial Data जुटाना

Fundamental Analysis के लिए सबसे पहला कदम है वित्तीय जानकारी इकट्ठा करना। यह जानकारी हमें कंपनी की आमदनी, खर्च और लाभ के बारे में बताती है। सही वित्तीय जानकारी जुटाने से हम कंपनी की मजबूती और भविष्य की दिशा के बारे में समझ सकते हैं।

  • Sources of Financial Information : कंपनी की वित्तीय जानकारी प्राप्त करने के कई तरीके हैं। हम कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, ब्रोकर की रिसर्च, और स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा, इंटरनेट पर कई डेटा प्लेटफॉर्म और वेबसाइट जैसे – Screener भी जानकारी देते हैं, जिनसे हम सही डेटा पा सकते हैं।

Evaluating Financial Statements

कंपनी के वित्तीय विवरणों को देखकर हम उसकी हालत समझ सकते हैं। इसमें बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट शामिल होते हैं। इनसे हमें कंपनी के लाभ, खर्च और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी मिलती है।

  1. Analyzing Profitability : लाभप्रदता का मतलब है कंपनी कितना मुनाफा कमाती है। इसे समझने के लिए हम कंपनी के लाभ और खर्च का अनुपात देखते हैं। जैसे कि नेट प्रॉफिट मार्जिन, ऑपरेटिंग मार्जिन, ये हमें बताते हैं कि कंपनी कितनी efficiently काम कर रही है और मुनाफा कमा रही है।
  2. Assessing Financial Health : कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य का मतलब है कि वह अपने कर्ज और खर्च को सही से संभाल पा रही है या नहीं। अगर कंपनी के पास अच्छा नकदी प्रवाह और कम कर्ज है, तो उसका वित्तीय स्वास्थ्य अच्छा माना जाता है। इससे कंपनी का भविष्य सुरक्षित रहता है।

Understanding Management Quality

कंपनी का प्रबंधन यानी उसके निर्णय और नेतृत्व। अगर कंपनी का प्रबंधन अच्छा है, तो वह कंपनी को सही दिशा में ले जाता है और उसे विकास की ओर बढ़ाता है। अच्छा प्रबंधन कंपनी के लिए लंबी अवधि में फायदे का कारण बनता है।

Industry and Market Trends

किसी कंपनी का प्रदर्शन सिर्फ उसके अंदर की स्थिति पर नहीं, बल्कि उसके उद्योग और बाजार के रुझानों पर भी निर्भर करता है। अगर कंपनी जिस उद्योग में काम करती है, वह बढ़ रहा है, तो कंपनी का प्रदर्शन भी अच्छा हो सकता है। इसलिए बाजार के रुझानों को समझना बहुत जरूरी है।

Valuation Methods

कंपनी का मूल्य जानने के लिए कई तरीके होते हैं। इन तरीकों से हम पता कर सकते हैं कि कंपनी का शेयर मूल्य सही है या नहीं। कुछ प्रमुख तरीके हैं डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) और अन्य कंपनियों से तुलना करना।

  1. Discounted Cash Flow (DCF) : यह एक तरीका है, जिसमें हम कंपनी के भविष्य के नकदी प्रवाह को आज के समय में लाते हैं। यानी, हम अनुमान लगाते हैं कि भविष्य में कंपनी कितना पैसा कमाएगी और उसे आज के समय में कितनी कीमत मिलती है, यह समझते हैं।
  2. Comparisons with Peers : कंपनी का मूल्य जानने के लिए हम उसकी अन्य कंपनियों से तुलना कर सकते हैं। अगर कंपनी का प्रदर्शन अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर है, तो उसकी कीमत भी ज्यादा हो सकती है। इसे हम P/E रेश्यो और अन्य वित्तीय आंकड़ों से माप सकते हैं।

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Strengths and Limitations of Fundamental Analysis

Fundamental Analysis करने की कुछ ताकतें और सीमाएं हैं जो निम्न प्रकार से हैं।

Strengths 

  1. Provides Long-Term Perspective : मूल्यांकन विश्लेषण हमें लंबी अवधि के बारे में सोचने का मौका देता है। यह हमें किसी कंपनी के फायदे, नुकसान और भविष्य के बारे में समझने में मदद करता है। इसके जरिए हम बाजार के छोटे-छोटे बदलावों से प्रभावित नहीं होते और अच्छे निवेश के लिए सही दिशा में सोच सकते हैं।
  2. Helps Identify Undervalued Stocks : यह विश्लेषण उन कंपनियों की पहचान करने में मदद करता है जिनके स्टॉक्स का बाजार मूल्य कम है। इसका मतलब है कि आपको कम कीमत पर अच्छे स्टॉक्स मिल सकते हैं, जिनमें आगे चलकर अच्छा मुनाफा हो सकता है।

Limitations 

  1. Requires Detailed Data and Expertise : मूल्यांकन विश्लेषण के लिए बहुत सारे आंकड़ों की जरूरत होती है, और इन्हें सही तरीके से समझने के लिए विशेषज्ञता भी चाहिए। बिना सही जानकारी के यह विश्लेषण गलत हो सकता है।
  2. May Not Capture Short-Term Market Movements : मूल्यांकन विश्लेषण मुख्य रूप से लंबे समय तक काम करने वाली रणनीति है, जो जल्दी के बाजार बदलावों को नहीं देख पाती। इसलिए, जो लोग जल्दी मुनाफा चाहते हैं, उनके लिए यह तरीका सही नहीं हो सकता।
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Fundamental Analysis vs. Technical Analysis

Fundamental Analysis और Technical Analysis का तुलनात्मक अध्ध्यन इस प्रकार हैं ;

  1. Key Differences : फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस दोनों निवेश के तरीके हैं, लेकिन ये अलग-अलग होते हैं। Fundamental Analysis में हम कंपनी की आर्थिक स्थिति, जैसे उसकी कमाई और कर्ज़ को देखते हैं। टेक्निकल एनालिसिस में हम चार्ट और आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए शेयर के भाव में बदलाव की भविष्यवाणी करते हैं। दोनों के तरीके अलग होते हैं, लेकिन दोनों का महत्व है।
  2. When to Use Each Approach : Fundamental Analysis का इस्तेमाल लंबी अवधि के निवेश के लिए करना चाहिए, जैसे किसी कंपनी के बारे में गहरी जानकारी हासिल करना। यह उन लोगों के लिए है जो लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं। टेक्निकल एनालिसिस शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए सही है, जहाँ आप सिर्फ चार्ट और आंकड़ों को देखकर निवेश के फैसले लेते हैं।
  3. Combining Both Analyses for Better Decision Making : अगर आप सही निवेश निर्णय लेना चाहते हैं, तो फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस दोनों का उपयोग करें। Fundamental Analysis से आपको कंपनी की स्थिति का पता चलता है, और टेक्निकल एनालिसिस से आप शेयर के भाव के ट्रेंड्स को समझ सकते हैं। दोनों का मिलाकर इस्तेमाल करने से आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।

Applying Fundamental Analysis to Stock Market Investment

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, सबसे जरूरी है अच्छे निवेश अवसर ढूंढना। Fundamental Analysis से आप कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कमाई, कर्ज और भविष्य की योजना को समझ सकते हैं। जब आप ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनका भविष्य उज्जवल हो, तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है और मुनाफा भी बढ़ सकता है। सही Fundamental Analysis से आप निवेश के सही फैसले ले सकते हैं और जोखिम को कम कर सकते हैं।

  1. Identifying Strong Investment Opportunities : शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, सबसे जरूरी है अच्छे निवेश अवसर ढूंढना। इसके लिए आपको कंपनी की कमाई, कर्ज और भविष्य की योजना को देखना चाहिए। जब आप ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनका भविष्य अच्छा दिखता हो, तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है और मुनाफा भी बढ़ सकता है।
  2. Risk Management : शेयर बाजार में हर निवेश में कुछ न कुछ जोखिम होता है। इस जोखिम को कम करने के लिए आपको सही रणनीतियां अपनानी चाहिए, जैसे कि स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना और सही समय पर निवेश करना। इससे आपके पैसे को नुकसान होने से बचाया जा सकता है और आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।
  3. Portfolio Diversification : पोर्टफोलियो विविधीकरण का मतलब है, अपने निवेश को कई अलग-अलग जगहों पर बांटना। इससे अगर एक निवेश में नुकसान हो, तो दूसरे निवेश से फायदा हो सकता है। इससे जोखिम कम होता है और आपको बेहतर फायदे की संभावना मिलती है।

Conclusion

Fundamental Analysis एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो निवेशकों को कंपनियों की आर्थिक स्थिति और भविष्य के प्रदर्शन को समझने में मदद करता है। यह कंपनी के वित्तीय आंकड़ों, प्रबंधन, उद्योग और बाजार के रुझानों का विश्लेषण करता है। इसके द्वारा सही निवेश फैसले लेने में मदद मिलती है और निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ हासिल करने का अवसर मिलता है।

  1. Summary of Fundamental Analysis : Fundamental Analysis का मतलब है किसी कंपनी के बारे में पूरी जानकारी जुटाना, जैसे उसकी कमाई, खर्च, और कारोबार के तरीके। इसमें हम कंपनी के वित्तीय दस्तावेज़ों का अध्ययन करते हैं, जिससे पता चलता है कि कंपनी सही दिशा में जा रही है या नहीं। इससे निवेशक यह तय कर सकते हैं कि कौन सी कंपनी में निवेश करना सही रहेगा।
  2. Importance for Investors : Fundamental Analysis निवेशकों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह उन्हें सही जानकारी देता है। इससे निवेशक यह समझ सकते हैं कि किस कंपनी में पैसा लगाना फायदेमंद रहेगा। सही जानकारी के साथ निवेशक बेहतर फैसले ले सकते हैं और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।
  3. Final Thoughts on Using Fundamental Analysis in Investment Strategy : Fundamental Analysis एक मजबूत और सही निवेश योजना बनाने के लिए बहुत मददगार है। यह निवेशक को सही समय पर सही निवेश करने की समझ देता है। अगर इसे सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह निवेशकों के लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है पैसे बढ़ाने का।

Disclaimer : हम सेबी के द्वारा पंजीकृत रिसर्च एनालिस्ट नहीं हैं ,ये लेख सिर्फ और सिर्फ शैक्षिणिक उद्देश्य की दृष्टि से लिखा गया हैं,और इसमें किसी भी प्रकार की निवेश अनुसंशा नहीं की जाती हैं। शेयर मार्केट में बहुत जोखिम शामिल होता हैं, इसलिए निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।

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