Big Breakout Stocks : 2024 के ब्रेकआउट स्टॉक्स।

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम जानने वाले हैं कि big breakout stocks क्या होते हैं और निवेशक इनसे पैसे कैसे कमाते हैं।आज हम big breakout stocks के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा करने वाले हैं ताकि लोगो को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हों।आइये शुरुवात करते हैं फिर 

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Big Breakout Stocks
Big Breakout Stocks

What are big breakout stocks?

नमस्कार आजकल आप में से बहुत से लोगो ने कहीं न कहीं breakout stocks के बारे में जरूर सुना होगा। कि आज किसी फला शेयर के प्राइस में बहुत बड़ा ब्रेकआउट आने वाला हैं जिससे उस संबंधित शेयर की प्राइस में आने वाले समय में बहुत ज्यादा ग्रोथ होने वाली हैं या देखने को मिल सकती हैं। ठीक इसी किसी फला शेयर के चार्ट पैटर्न को देखने से ऐसा लग रहा हैं जैसे उस शेयर की कीमत में बहुत बड़ी गिरावट आने वाली हैं या गिरावट देखने को मिल सकती हैं।

जब किसी शेयर के प्राइस में अचानक से किसी आंतरिक, बाहरी ,हिस्टोरिकल प्राइस पैटर्न या टेक्निकल इंडिकेटर के प्रभाव से कोई बहुत बड़ा मूवमेंट होता हैं। जिसकी वजह से शेयर की प्राइस या तो एकदम से बहुत ज्यादा ऊपर बढ़ती हैं या एकदम से बहुत नीचे गिरना शुरू हो जाती हैं। किसी शेयर के प्राइस में इस तरह की मूवमेंट को ब्रेकआउट कहा जाता हैं ,शेयर की प्राइस में मूवमेंट के हिसाब से ब्रेकआउट 2 प्रकार के होते हैं। एक Positive breakout और दूसरा Negative breakout .

Positive breakout उसे कहते हैं जब किसी शेयर का प्राइस उसके रजिस्टेंस(प्रतिरोध) स्तर या ड्रा की गयी रजिस्टेंस लाइन को तोड़कर ऊपर निकल जाता हैं ,जिसके बाद उसके प्राइस में बहुत बड़ा अपबर्ड मूवमेंट दिखाई देता हैं।

ठीक इसी प्रकार Negative breakout उसे कहते हैं जब किसी शेयर का प्राइस उसके सपोर्ट स्तर या ड्रा की गयी सपोर्ट लाइन को तोड़कर नीचे निकल जाता हैं,जिसके बाद उसके प्राइस में बहुत बड़ा डाउनवर्ड मूवमेंट दिखाई देता हैं।

अब बात करते हैं big breakout stocks ये वे शेयर्स होते हैं जिनके प्राइस में बहुत ज्यादा अपवर्ड तथा डाउनवर्ड मूवमेंट देखने को मिलता हैं अर्थात जिनके प्राइस में बहुत बड़े Positive breakout तथा Negative breakout होते हैं।

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Why people invest in breakout stocks?

शेयर मार्केट में जब कोई निवेशक किसी शेयर में निवेश करता हैं ,तो निवेशक के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आती हैं। कि निवेशक को कोई ऐसा शेयर नहीं मिलता हैं जिसमे वह एक बड़ी Long Position बना सकें।

अधिकांश निवेशक हमेशा छोटे छोटे breakout stocks में निवेश करते रहते हैं। जिसकी वजह से उन्हें बहुत छोटा मुनाफा होता हैं,और उन्हें बार बार breakout stocks की तलाश करनी पड़ती हैं। जिस वजह से उनका अधिकांश समय breakout stocks को ढूढ़ने में निकल जाता हैं और वह मार्केट में बहुत काम मुनाफा हासिल कर पाते हैं।

इसी समस्या से बचने के लिए बड़े निवेशक ऐसे big breakout stocks को सेलेक्ट करते हैं जिनमें बहुत ज्यादा वोलैटिलिटी या बहुत बड़े बड़े ब्रेकआउट घटित होते हैं। अधिकांश निवेशक एक बार में बहुत से big breakout stocks को सेलेक्ट कर उनमें अपनी Long Position बनाकर छोड़ देते हैं ,जिसकी वजह से उन्हें बार बार breakout stocks को तलाश नहीं करना पड़ता है। 

एक लम्बे समय 2 सप्ताह से लेकर 6 माह में यह big breakout stocks औसतन लगभग 10%-15% रिटर्न आसानी से देते रहते हैं। जो एक निवेशक के लिए बहुत बड़ी बात होती हैं कि उसे बिना किसी ज्यादा मेहनत ,बार बार स्टॉक्स को सेलेक्ट करने से तथा मार्केट को बिना ज्यादा वॉच करने से मुक्ति मिलती हैं।

यही वजह हैं कि अधिकांश निवेशक big breakout stocks में निवेश करते है ताकि उन्हें औसतन 10%-15% रिटर्न 2 सप्ताह से लेकर 6 माह में आसानी से प्राप्त होती रहें, और वह अपने पर्सनल काम भी कर पाते हैं।

Benefits of investing in breakout stocks:

अगर आप शेयर मार्केट में किसी भी तरह की ट्रेडिंग करते हैं तो आपको मालूम ही होगा कि शेयर मार्केट में अधिकांश लोगों को लॉस ही होता हैं। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो टीवी ,यूट्यूब चैनल पर ट्रेडर के इंटरव्यू या किसी की बातों में आकर शेयर मार्केट में काम शुरू करते हैं,और उन्हें बहुत आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं।

ऐसी समस्या से बचने के लिए अधिकांश लोग जो मार्केट से पैसा कमाने के लिए आते हैं उन्हें एक्सपर्ट के द्वारा सिर्फ big breakout stocks में निवेश करने की सलाह दी जाती हैं।

breakout stocks में निवेश करने के बहुत से लाभ होते हैं जिन्हें विस्तार में नीचे बताया गया हैं।

  1. Profit Potential : अगर शेयर में ब्रेकआउट बना रहता हैं तो breakout stocks में निवेश करने से बहुत कम समय में निवेशकों को बहुत अधिक मुनाफा हो जाता हैं।
  2. Early Entry Point : अगर आप किसी breakout होने वाले शेयर में बहुत जल्दी प्रवेश कर जातें हैं तो आपके मुनाफे में बढ़ोत्तरी निश्चित हैं।
  3. Momentum Trading : big breakout stocks अधिकतर उन लोगो को अपनी और आकर्षित करते हैं जो शेयर प्राइस के मूवमेंट के हिसाब से ट्रेडिंग करके बहुत कम समय में लाभ कमाना चाहते हैं।
  4. Confirmation of Strength : ब्रेकआउट ट्रेडिंग में शेयर अपनी प्राइस के माध्यम से सिग्नल देकर लोगो को बताता हैं कि वह अपने पुराने रेसिस्टेंस स्तर को तोड़कर काफी ऊपर जाने वाला हैं।
  5. Increased Liquidity : चूँकि big breakout stocks में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत से निवेशक होते हैं जिस वजह से आपके पास किसी भी शेयर को बेचने में आसानी रहती हैं। इससे आपके पास फंड की अच्छी खासी लिक्विडिटी बनी रहती हैं। जो आपके लिए अन्य big breakout stocks में निवेश के काम आ सकती हैं।
  6. Relax Psychology : breakout stocks में निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ यह भी हैं कि यह आपको मार्केट में मानसिक रूप से मजबूती तथा रेलक्स देता हैं।

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Risks associated with investing in breakout stocks:

big breakout stocks में निवेश करने से लाभ के साथ साथ बहुत रिस्क भी होते हैं जिसका ध्यान हर एक निवेशक को निवेश करने से पहले देना चाहिए। ताकि किसी भी प्रकार के आर्थिक नुकसान से बचा जा सकें। big breakout stocks में निवेश से संबंधित रिस्क को नीचे विस्तार से समझाया गया हैं।

  1. Fake Breakouts : जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि शेयर मार्केट में बहुत जोखिम शामिल होता है। शेयर मार्केट में आपने बहुत बार देखा होगा कि बहुत से शेयर्स ऐसे होते हैं जो हमे Fake breakout देकर हमारे फंड का नुकसान करवा देते हैं।
  2. Volatility : जैसा कि हम ऊपर बता चुकें हैं कि big breakout stocks में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा होता हैं जिसकी वजह से अगर आपका ट्रेड उल्टा पड़ जाता हैं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। इसी वजह से आपको ट्रेडिंग करते समय हमेशा कॅल्क्युलेटेड stoploss का प्रयोग करना चाहिए।
  3. Overvaluation : अगर आप किसी शेयर में बहुत समय बाद Enter करते हो तो यह आपके लिए बहुत रिस्की हो सकता हैं क्योंकि बहुत बाद में एंट्री करने पर शेयर Overvalued हो जाता हैं,जिससे शेयर की प्राइस में गिरावट शुरू हो जाती हैं।
  4. Timing : ब्रेकआउट स्टॉक में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती हैं ,अगर आप किसी ब्रेकआउट स्टॉक में जल्दी एंटर नहीं कर पाए तो यह आपके लाभ को कम करता हैं।
  5. Lack of Fundamental Support : अगर किसी शेयर के फंडामेंटल कमजोर हैं और उसमे कोई ब्रेकआउट टेक्निकल फैक्टर्स या मार्केट सेंटीमेंट की वजह से आता हैं तो इसके प्राइस में रेवेर्सल बहुत जल्दी आ सकता हैं।
  6. Market Conditions : मार्केट कंडीशंस और सेंटीमेंट में अचानक बदलाव से किसी भी ब्रेकआउट की सफलता प्रभावित हो सकती हैं।क्योंकि शेयर मार्केट मार्केट कंडीशंस और सेंटीमेंट पर आधारित होता हैं।
How to find big breakout stocks?
शेयर मार्केट में अधिकांश निवेशक और ट्रेडर निवेश तथा ट्रेडिंग करने के लिए किसी ऐसे शेयर की तलाश में रहते हैं। जिससे उसे बहुत ही कम समय में अच्छा खासा लाभ हो सकें।इन्ही लाभ को प्राप्त करने के लिए निवेशक ,ट्रेडर ऐसे शेयर को चुनते हैं जिनके प्राइस में बहुत कम समय में अच्छा मूव आने वाला होता हैं अर्थात वे उन big breakout stocks को चुनते हैं। जिनके प्राइस में बहुत ज्यादा वोलैटिलिटी आने वाली होती हैं।
इन breakout stocks को चुनने के लिए निवेशक तथा ट्रेडर बहुत प्रकार के संम्भावित उपकरण जैसे- टेक्निकल एनालिसिस ,फंडामेंटल एनालिसिस और मार्केट सेंटीमेंट्स को समझकर उनका प्रयोग करते हैं। इन उपकरण के बारे में नीचे विस्तार से चर्चा की गयी हैं।

Technical Analysis : breakout stocks को सेलेक्ट करने के लिए बहुत से निवेशक और ट्रेडर टेक्निकल इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं।

  • Chart Patterns : बहुत से लोग triangles ,flags ,और cup and handle के फोर्मेशन्स की सहायता से सम्भावित ब्रेकआउट को ढूढ़ने या पहचानने की कोशिश करते हैं।
  • Moving Averages : बहुत से लोग कुछ आसान टेक्निकल इंडीकेटर्स जैसे 50 SMA ,200 SMA या उनके क्रॉस के साथ शेयर के प्राइस मूवमेंट को जोड़कर ब्रेकआउट सिग्नल की तलाश करते हैं।
  • Volume Analysis :कुछ निवेशक शेयर के प्राइस के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम को एनालिसिस करके उसमें ब्रेकआउट पॉइंट ढूढते हैं। क्योंकि ब्रेकआउट के लिए ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत अधिक प्रवत्ति दिखाता हैं।
  • Support and Resistance Levels : बहुत से ट्रेडर सपोर्ट और रेसिस्टेन्स पर लाइन ड्रा करके ब्रेकआउट को ढूढते है।

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Fundamental Analysis : ब्रेकआउट स्टॉक्स को तलाश करने के लिए निवेशकों द्वारा शेयर्स के फंडामेंटल एनालिसिस का प्रयोग भी किया जाता हैं।

  • Company Performance : कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ को विभिन्न अनुपातों के द्वारा मापना ,उसकी एअर्निंग रिपोर्ट्स ,इंडस्ट्री ट्रेंड्स और ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स को समझकर आप उस कंपनी के बारे में गहन जाँच कर सकते हैं। आपको हमेशा मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनी के ब्रेकआउट को चुनना चाहिए। ताकि उस ब्रेकआउट की शक्ति बहुत लम्बे समय तक टिकी रहें।
  •  Catalysts : आपको कंपनी के प्रेरक के बारें में जानकारी करते रहना चाहिए। क्योकि ये प्रेरक किसी शेयर की प्राइस को प्रेरित करने का काम करते हैं जिससे उस शेयर में ब्रेकआउट आने की संम्भावना बनीं रहती हैं। इन प्रेरकों में किसी नए उत्पाद की लॉन्चिंग ,एअर्निंग सरप्राइजस  ,पॉजिटिव गाइडेंस और इंडस्ट्री डेवलपमेंट्स जैसे प्रेरक कारक शामिल होते हैं।

Screening Tools : ब्रेकआउट स्टॉक को पहचानने के लिए निवेशकों ,ट्रेडर्स को स्क्रीनिंग टूल्स या प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करना चाहिए। जो आपको विशिष्ट फ़िल्टर योग्यता के साथ जैसे- प्राइस वोलैटिलिटी ,ट्रेडिंग वॉल्यूम ,टेक्निकल इंडीकेटर्स का इस्तेमाल और फंडामेंटल मैट्रिक्स के आधार पर आपको ब्रेकआउट चुनने का मौका प्रदान करता हो।

Market Sentiment : निवेशको को मार्केट सेंटीमेंट्स जैसे- न्यूज़ ,सोशल मीडिया और इन्वेस्टर सेंटीमेंट इंडीकेटर्स पर नजर रखनी चाहिए। ताकि संम्भावित ब्रेकआउट स्टॉक्स को समय रहते पहचाना जा सकें।

Relative Strength : निवेशकों को शेयर के ब्रेकआउट की जाँच करनी के लिए शेयर के रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स को उसके सेक्टर तथा ब्रॉडर मार्केट से तुलना करनी चाहिए। अगर शेयर की RSI उसके सेक्टर के RSI से कम और उसके पीअर्स के RSI से अधिक आती हैं ,तो यह ब्रेकआउट के सस्टेन के लिए अच्छा सूचक सावित हो सकता हैं।

Backtesting and Analysis : निवेशकों को Fake breakout की जांच करने तथा breakout के कन्फर्मेशन के लिए उसी शेयर के पुराने हिस्टोरिकल डाटा पर breakout pattern को ढूढ कर उन पर बैकटेस्टिंग करनी तथा अपनी दक्षता को बढ़ाना चाहिए। ताकि भविष्य में आने वाले ब्रेकआउट के लिए माइंड मेकअप रहें और हम सही टाइमिंग से ब्रेकआउट में एंट्री कर पायें।

Risk Management : निवेशकों को हमेशा ब्रेकआउट शेयर्स में एंट्री करते समय रिस्क को मैनेज करना चाहिए। उनको कॅल्क्युलेटेड स्टॉपलॉस ऑर्डर्स को सेट करना चाहिए ताकि यदि ब्रेकआउट फैल होता हैं और आपके पक्ष में नहीं जाता तो उसको सीमित लॉस ही हों,और उसका फंड बचा रहें।

Continuous Learning : यदि निवेशक मार्केट से बहुत पैसा कमाना चाहते हैं तो उन्हें मार्केट ट्रेंड्स ,टेक्निकल इंडीकेटर्स और ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज को विभिन्न स्रोतों से जैसे किताबें ,ऑनलाइन रिसोर्सेज से सीखते रहना चाहिए। ताकि भविष्य में मार्केट में आने वाली कोई भी समस्या से निपटा जा सकें।

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Big breakout stocks List:

बिग ब्रेकआउट स्टॉक्स की तलाश करने के लिए आप Screener ,Chartink प्लेटफॉर्म्स या हमारी Google Sheet का इस्तेमाल कर सकते हैं। जहां पर आप बहुत प्रकार के स्टॉक्स की तलाश कर सकते हैं।

Important things before investing:

किसी भी ब्रेकआउट स्टॉक्स में निवेश करने से पहले से निवेशकों को बहुत सी महत्वूर्ण फैक्टर्स को ध्यान में रखना चाहिए।  ताकि आप ब्रेकआउट ट्रेडिंग में अपने रिस्क को कम करके अपने लाभ को बढ़ा पाएं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण चीजों के बारें में विस्तार से बताया गया हैं।

  1. Understand the Concept of Breakouts : आपको ब्रेकआउट के बारें में अच्छे से जानकारी होनी चाहिए कि ब्रेकआउट क्या हैं और कैसे काम करता हैं। ब्रेकआउट कितने प्रकार के होते हैं और किसी ब्रेकआउट को टेक्निकल इंडीकेटर्स की मदद से कैसे पहचानना हैं।
  2. Research and Analysis : अब आप जिस भी शेयर में ब्रेकआउट प्राप्त कर चुके हो। तो आपको शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस (फाइनेंसियल हेल्थ ,ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स ,कॉम्पिटिटिव पोजीशन आदि जानकारी ) और टेक्निकल एनालिसिस (प्राइस चार्ट्स ,वॉल्यूम ट्रेंड्स और कुछ टेक्निकल इंडीकेटर्स ) करके उस शेयर की रिसर्च और विश्लेषण करना हैं ताकि उस कंपनी के बारें में जाना जा सकें।
  3. Confirmation Signals : अब आपको ब्रेकआउट में कन्फर्मेशन की तलाश करना हैं,और कन्फर्मेशन बहुत से टेक्निकल इंडीकेटर्स के द्वारा होना ज्यादा निश्चितता प्रदान करता हैं। यदि कन्फर्मेशन में ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत अधिक हो जाता हैं तो इससे इसकी सत्यता की जाँच हो जाती हैं।
  4. Risk Assessment : आपको ब्रेकआउट स्टॉक के ट्रेड में रिस्क रिवॉर्ड को पहचानना हैं कि हमे इस ट्रेड में कितना लाभ और हानि हो सकती हैं यदि हमारे पक्ष में नहीं जाता हैं तो। हमें अपने रिस्क सहन करने की क्षमता का अध्यनन करके अपने लिए उचित सीमित स्टॉपलॉस आर्डर को सेट करना चाहिए।
  5. Position Sizing : आपको अपने रिस्क सहन करने की क्षमता के हिसाब से अपने लिए ट्रेडिंग पोजीशन का फंड साइज रखना चाहिए। आपको अपने फंड एक ही ट्रेड में न लगाकर अपने विभिन्न इन्वेस्टमेंटस में विविधता पूर्ण बांटना चाहिए।
  6. Entry and Exit Plan : आपको किसी ट्रेड में एंट्री करने से पहले अपने लिए एक साफ सुथरी एंट्री और एग्जिट रणनीति बनानी चाहिए। आपको विश्लेषण और रिस्क रिवॉर्ड के आधार पर अपने लिए एंट्री पॉइंट ,एग्जिट पॉइंट और प्रॉफिट टारगेट सेट करना हैं। ताकि आपको ट्रेडिंग में किसी प्रकार की कोई हड़बड़ी न हों।
  7. Stay Informed : आपको न्यूज़, इवेंट्स और डेवलपमेंट्स पर नजर रखनी है जो आपके शेयर की प्राइस तथा पुरे मार्केट को प्रभावित कर सकती हैं। आपको मार्केट की न्यूज़ के हिसाब से अपने लिए नई नई रणनीति बनानी चाहिए जो बदलते मार्केट में कारगर सिद्ध हो।
  8. Learning :आपको नई नई ट्रेडिंग स्किल्स को सीखना और अपनी स्किल्स में सुधार करना चाहिए। आपको मार्केट में आने वाली विभिन्न ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ,मार्केट ट्रेंड्स और रिस्क मैनेजमेंट टेक्नीकीइस से ब्रेकआउट को ढूढ़ने की अपनी योग्यता को बढ़ाना चाहिए।
  9. Discipline and Patience :आपको हमेशा अपने ट्रेडिंग प्लान के हिसाब से मार्केट के प्रति रिएक्ट करना चाहिए न कि अपने इमोशंस से।

How to invest in breakout stocks:

एक बार जब आप अपने लिए टेक्निकल इंडीकेटर्स ,फंडामेंटल एनालिसिस या मार्केट सेंटीमेंट के हिसाब से शेयर को चुनना सीख जायेंगे। तब आपको अपने ट्रेडिंग प्लान के तहत चुने गये स्टॉक में ब्रेकआउट ट्रेडिंग करनी चाहिए।

आपकी सुविधा के लिए हम आपको एक ब्रेकआउट ट्रेडिंग का उदाहरण दे रहें हैं।

Example : मान लीजिये आपके पास 200000 रूपये हैं। और आप ब्रेकआउट ट्रेडिंग के माध्यम से ट्रेड करना चाहते हैं,तो आपको अपने 2 लाख रूपये को 10 भागों में बाँट कर सबसे पहले बिना किसी जल्दबाजी के 10-12 debt mutual funds में निवेश करना हैं जो कि short duration और ultra short duration के म्यूच्यूअल फण्ड होने चाहिए। इन debt mutual funds में निवेश करने से आपको सालाना 8-9% रिटर्न बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जाती हैं।

हम इस ब्रेकआउट ट्रेडिंग में टेक्निकल इंडिकेटर 200 SMA का इस्तेमाल करने वाले हैं।आपको इस ट्रेडिंग में इस बात का भी ध्यान रखना की शेयर की 52 वीक हाई और 52 वीक लो का अनुपात 2 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

आप आपको सिर्फ Nifty 500 इंडेक्स के शेयर्स में से उन शेयर्स को ढूढ़ना हैं, जो 200 SMA से 5%-15% के बीच ऊपर ट्रेड कर रहे हों। एक शेयर को खरीदने के लिए आपको अपने पैसे का 10 वा हिस्सा लगाना चाहिए। जब आप शेयर खरीद लें तो आपको सिर्फ उन शेयर्स को देखना हैं अगर आपका प्रॉफिट 15% हो जाता हैं तो आपको अपना प्रॉफिट बुक करके निकल जाना हैं ,और यदि शेयर्स 200 SMA से नीचे गिरकर -5% तक आ जाते हैं तब भी आपको अपने शेयर्स को बेच देना हैं और अपना नुकसान बुक कर लेना हैं। लेकिन इस शेयर को भूलना नहीं जिसमे हमे नुकसान हुआ हैं।

अब आपको फिर वही दूसरे शेयर्स की तलाश करना हैं जो 200 SMA से 5%-15% के बीच ऊपर ट्रेड कर रहे हों। उनमें भी आपको 10 वा हिस्सा पैसे लगाकर निवेश करना हैं। यदि शेयर बढ़ जाये तो आपको 15% पे अपना प्रॉफिट बुक कर लेना हैं और यदि शेयर गिरना शुरू हो जाये तो 200 SMA से नीचे -5% आने पर उसे भी बेच देना हैं।

अब आप कह रहे होंगे इस तरह अगर सभी शेयर्स में हो जाये तो हमारे पूरे पैसे डूब जायेंगे। जी नहीं ऐसा बहुत कम होता हैं लगातार 20 शेयर्स में निवेश करने पर 20 में से मुश्किल से 2-3 शेयर्स में ऐसा होता हैं बाकि में लाभ ही होता है क्योकि हम सिर्फ उन्ही शेयर्स में पैसे लगा हैं जो भारत की टॉप 500 अच्छी मजबूत कंपनी हैं। जो 2 सप्ताह से लेकर 6 माह में ऊपर निचे होती रहती हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि जिन 2-3 कंपनियों में हमें लॉस होगा उसमे प्रॉफिट कैसे कमाएंगे तो मैं आपको बताता हु जब किसी कंपनी का शेयर 200 SMA के -5% से नीचे गिर जाता हैं तो उस शेयर की प्राइस काफी समय के लिए नीचे बनी रहती हैं। जिसकी वजह से उसका 200 SMA भी नीचे गिर जाता हैं क्योकिं 200 SMA भी शेयर के प्राइस से बना होता हैं।

अब जब कंपनी का शेयर ऊपर उठना शुरू हो जायेगा और यह 200 SMA के 5% ऊपर आ जायेगा तो हम इसे बहुत कम प्राइस पर ज्यादा दुवारा खरीद लेंगे जिससे हमें वह चीज बहुत कम प्राइस पर मिल जाएगी। जिससे हमें ज्यादा फायदा होगा।

अब जब आपका शेयर का प्राइस बढ़ता जायेगा हैं तो आपका 200 SMA भी बढ़ता जायेगा।अब आपको 20-25% प्रॉफिट बुक करना हैं।

तो इस विधि में आप सालभर में 8-10 शेयर खरीद रहें होंगे और 10-12 शेयर को बेच के मुनाफा कमा रहे होंगे। इस विधि को आपको लगातार करते जाना हैं इससे आपको फंड की कोई कमी नहीं होंगी और इसमें आपको बहुत मजा भी आ रहा होगा।

इस विधि के द्वारा आप सालाना 15%-20% रिटर्न आसानी से कमा लेंगे। वो भी बिना किसी झंझट के,अपने पर्सनल कामों को करते हुए।

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Conclusion:

ब्रेकआउट स्टॉक में ट्रेडिंग करने के लिए हर एक स्टेप को ऊपर विस्तार से बताया गया हैं। जिसका इस्तेमाल करके कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से ब्रेकआउट स्टॉक्स की पहचान के साथ साथ उसमे ट्रेडिंग करके अच्छा खासा पैसा कमा सकता हैं।

नोट: शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन हैं निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।

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