Share Market Kya Hai In Hindi-हिंदी में जानें ?

आज 2024 के इस डिजिटल दौर में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसने Share Market के बारें में न सुना हों, लेकिन बहुत से लोगों को इस बारें में उचित जानकारी नहीं रहती हैं जिसके वजह से वो अक्सर संदेह में बनें रहते हैं तो दोस्तों आज इस लेख में हम बात करने वाले हैं कि Share Market Kya Hai और शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं ,इन सबके बारे में हम इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे ,आइये शुरू करते हैं फिर।

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Share Market Kya Hai
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Table of Contents

Share Market Kya Hai In Hindi :शेयर मार्केट क्या हैं ? हिंदी में

शेयर मार्केट एक ऐसी मार्केट होती हैं जहाँ पर बहुत सी कंपनियों के शेयर्स को ख़रीदा तथा बेचा जाता हैं ,जहां पर क्रेता तथा विक्रेता शेयर्स की बोली लगाकर शेयर्स को खरीदते ,बेचते हैं। मार्केट में बहुत सी चीजे के चलते हर किसी शेयर्स की कीमत में चेंज होता रहता हैं जिसकी वजह से बहुत से लोग मोटा पैसा छापते हैं ,तो बहुत से अपना पैसा खो देते हैं।

इसकी तुलना आप अपने आस पास मौजूद सब्जी या फल मंडी से कर सकते हैं जहाँ पर सब्जियों और फलो की कीमतों में अंतर बहुत सी चीजों के वजह से आता रहता हैं ,सब्जी मंडी में जिस प्रकार सेलर्स की संख्या बढ़ जाती हैं तो उस मंडी में सब्जियों के दाम कम हो जाते हैं ,और अगर ग्राहकों की संख्या बढ़ने पर सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं।

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बिल्कुल ऐसा ही शेयर मार्केट में होता हैं जब किसी शेयर् के बहुत अधिक सेलर्स अपना माल बेचने आते हैं तो उस शेयर की कीमत बहुत अधिक गिर जाती हैं ,और जब किसी शेयर के बहुत खरीदार उस मार्केट में उस शेयर को खरीदने आते हैं तो उस शेयर की कीमत उस हिसाब से बढ़ जाती हैं। शेयर मार्केट में खास बात यह है कि शेयर मार्केट एक ऑनलाइन मार्केट प्लेस हैं जहां पर लोग शेयर्स की खरीद या बेच घर पर बैठकर ही कर सकते हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की मार्केट में जाने की जरुरत नहीं रहती हैं।

स्टॉक एक्सचेंज क्या हैं

स्टॉक एक्सचेंज और कुछ नहीं बल्कि एक लिस्टिंग प्लेटफार्म होता हैं जहाँ पर बहुत सी कम्पनियो के शेयर्स लिस्ट होते हैं  भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजो की संख्या 2 हैं ,जिनमे से एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जो भारत की सबसे पुरानी स्टॉक एक्सचेंज हैं और दूसरी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं।

निफ़्टी और सेंसेक्स क्या होते हैं

निफ़्टी और सेंसेक्स भारत की दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजस हैं ,जिसे NSE और BSE के नाम से जाना जाता हैं।

सेंसेक्स

सेंसेक्स भारत की सबसे पुरानी एक्सचेंज हैं ,ये मुंबई में स्थित हैं इस एक्सचेंज में देश की 30 सबसे बड़ी कम्पनिया शामिल हैं। जिन्हे विभिन्न प्रकार के पैरामीटर्स के आधार पर चुना गया हैं।

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निफ़्टी

निफ़्टी देश की 50 बड़ी कंपनियों का ग्रुप हैं जो अलग अलग सेक्टर्स में से चुनी गयी हैं। निफ़्टी के 50 कंपनियों के ग्रुप को निफ़्टी 50 के नाम से जाना जाता हैं।निफ़्टी को और भी अलग अलग ग्रुप में बांटा गया हैं जिन्हे निफ़्टी नेक्स्ट 50 ,निफ़्टी 100 ,निफ़्टी 200 ,निफ़्टी 500 तथा निफ़्टी बैंक आदि।

शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं-

शेयर मार्केट के काम करने का तरीका वही हैं जो ऊपर बताया गया हैं। कि शेयर मार्केट एक बाजार हैं जहां पर बहुत सी कंपनियों के शेयर लिस्ट हैं और लोग यहाँ पर शेयर खरीदने तथा बेचने आते रहते हैं ,लोग आपसी सहमति के आधार पर अपने सौदों को किया करते हैं।

अगर मार्केट में खरीदारों की संख्या ज्यादा होती हैं तो शेयर की कीमत बढ़ जाती हैं और अगर बेचने वालो की संख्या ज्यादा होती हैं तो शेयर की कीमत गिर जाती हैं।

शेयर बाज़ार के प्रकार

अगर बात शेयर बाजार की जाये तो शेयर बाजार को भी दो भागों में विभाजित किया गया हैं। जिसमे से एक प्राथमिक शेयर बाजार ,और दूसरा द्वितीयक बाजार हैं

प्राथमिक शेयर बाज़ार

किसी भी प्रकार के व्यापार में लगी कोई भी कंपनी जब धन जुटाने के लिए शेयर बाजार का रुख करती हैं ,तो उस कंपनी को सबसे पहले शेयर बाजार में पंजीकृत होना पड़ता हैं और यह जिस बाजार में प्रवेश करती हैं। उसे प्राथमिक बाजार कहा जाता है। इस बाजार में पंजीकृत होने के लिए इस कंपनी को आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग ) जारी करना पड़ता हैं,जिसके बाद कंपनी सार्वजानिक रूप से पंजीकृत हो जाती हैं। और आईपीओ के लिए आवेदन करने वालो निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाता हैं। जिसके बाद कंपनी के शेयर्स का कारोबार शुरू हो जाता हैं।

द्वितीयक बाज़ार

जब किसी आईपीओ लाने वाली कंपनी के आईपीओ की लिस्टिंग प्राथमिक बाजार में हो जाती हैं और जब उस कंपनी के शेयर्स /प्रतिभूतियों को आईपीओ के निवेशकों को बेच दिया जाता हैं। तो अब प्रतिभूतियों / शेयर्स के के मालिक अपने शेयर्स को दुसरो को उनके आपसी तय की गयी कीमत पर बेचते हैं। जिस बाजार में शेयर्स की खरीद ,बेच होती हैं उस बाजार को द्वितीयक बाजार कहा जाता हैं इस बाजार में शेयर्स को कोई भी व्यक्ति खरीद तथा बेच सकता हैं।

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शेयर बाज़ार में क्या कारोबार होता है?

चूँकि शेयर बाजार में सिर्फ कंपनियों के शेयर्स ही नहीं होते हैं बल्कि शेयर बाजार में शेयर्स के अलावा बॉन्ड ,म्यूच्यूअल फंड्स और डेरिवेटिव्स भी होते हैं। जिनका कारोबार भी शेयर बाजार में शेयर्स के जैसा ही होता हैं। हालाँकि वित्त साधनों की दृष्टि से इन्हे 4 भागों में बांटा गया हैं जिनका विस्तार से वर्णन नीचे किया गया हैं।

शेयरों

जब कोई कंपनी धन जुटाने के लिए किसी बैंक या संस्थान से लोन लेने के बजाह ,अपने कंपनी की इक्विटी शेयर्स को आम जनता,निवेशकों  को इश्यू करती हैं।जिसके बदले कंपनी को धन तथा निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी प्राप्त होती जाती हैं।शेयर्स किसी कंपनी के इक्विटी स्वामित भाग की इकाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अगर कोई भी व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर्स को खरीदता हैं ,तो वह उस कंपनी के इक्विटी में भागीदार बन जाता हैं। इससे कंपनी को होने वाले मुनाफा ,हानि में भी वह भागीदार बन जाता हैं। शेयर्स के कारोबार के लिए बहुत सी कम्पनिया बाजार में मौजूद हैं जो निवेशकों ,आम जनता के लिए शेयर खरीदने ,बेचने के लिए प्लेटफार्म मुहैय्या कराती हैं, जहां निवेशक किसी भी कंपनी में आसानी से अपनी भागीदारी ले तथा हटा सकता हैं।

बांड

बांड कारोबार में बहुत सी कम्पनिया धन जुटाने के लिए किसी बैंक,संस्थान से लोन लेने वजह, वह जनता को बांड इश्यू करती हैं। जिसके बदले में कंपनी को धन की प्राप्ति हो जाती हैं और जनता को एक फिक्स ब्याज दर अपने निवेशित धन पर ब्याज मिलता रहता हैं ,और ये बांडधारक कंपनी के ऋणदाता बन जाते हैं। कंपनी अपने ऋणदाताओं को समय समय पर ब्याज का भुगतान करते रहते हैं।

म्यूचुअल फंड्स

म्यूच्यूअल फण्ड एक पेशेवर रूप से प्रबंधित फण्ड हैं। जहाँ पर म्यूच्यूअल फंड्स बहुत से निवेशकों से धन एकत्रित करके उस सामूहिक धन को विभिन्न प्रकार के वित्त साधनों में निवेश करते हैं। ये वित्त साधन इक्विटी ,डेब्ट ,हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड्स होते हैं ,जिनमें म्यूच्यूअल फण्ड (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के पेशेवर विविधता के आधार पर निवेश करते हैं।

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प्रत्येक म्यूच्यूअल फंड्स स्कीम्स अपनी इकाइयां घोषित करती हैं ये म्यूच्यूअल फंड्स की इकाइयां शेयर्स के तरह ही व्यवहार करती हैं इनकी एक कीमत होती हैं जिसे फंड्स की NAV के रूप से जाना जाता हैं। जब कोई इनमे निवेश करता हैं तो वह इकाई धारक बन जाता हैं ,और स्कीम्स के तय समयनुसार प्राप्त होने वाला राजस्व परिसंपत्ति या लाभांश के रूप में होता हैं।

डेरिवेटिव्स

डेरिवेटिव्स ऐसे फाइनेंसियल कॉन्ट्रैक्ट होते हैं ,जो भविष्य के तिथियों के लिए इन्वेस्टर्स को एसेट खरीदने तथा बेचने के लिए अनुमति देतें हैं। इन डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति तिथि पहले से निश्चित होती हैं। डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट दो प्रकार के होते हैं – भविष्य और विकल्प।

शेयर बाज़ार के फायदे

शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी को लिस्ट करने के बहुत से फायदे होते हैं। जिन्हे नीचे विस्तार में बताया गया हैं –

विस्तार के लिए उपयुक्त

अगर कोई भी कंपनी अपना विस्तार करना चाहती हैं और वो कंपनी किसी बैंक ,वित्तीय संस्थान से कोई लोन नहीं लेना चाहती  हैं ,तो वह कंपनी आसानी से अपनी इक्विटी की कुछ हिस्सेदारी में आम जनता तथा निवेशकों को पार्टनर बना के अपने लिए धन की जरुरत को पूरा कर सकती हैं। कंपनी के लिस्ट होने से उसकी ब्रांड वैल्यू भी बढ़ जाती हैं

विनियमित प्रक्रियाएं

शेयर मार्केट में कंपनियों के लिस्ट होने से निवेशको के लिए यह एक अच्छी सहूलियत है,कि उन्हें कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट और उनकी रिपोर्ट्स के बारें में आसानी से जानकारी प्राप्त हो जाती हैं। जिनकी वजह से उन्हें निवेश से संम्बधित कोई भी फैसला लेने में आसानी होती हैं।

शेयर बाजार के बेसिक्स-महत्वपूर्ण शर्तें

अब तक आप लोग जान चुके होंगे कि Share Market Kya Hai और कैसे काम करता हैं। शेयर मार्केट के कुछ कॉमन तथा महत्वपूर्ण विषयो के बारें में एक एक करके नीचे बताया गया हैं।

डीमैट अकाउंट :  यह एक प्रकार डिजिटल अकाउंट होता हैं जिसमे शेयर्स ,बांड्स और म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट्स को रखा जाता हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट : यह एक प्रकार का अकाउंट होता हैं जिसे स्टॉक ब्रोकर कंपनी द्वारा ग्राहकों को शेयर्स ,म्यूच्यूअल फण्ड और बांड्स को स्टॉक एक्सचेंज से खरीदने के लिए दिया जाता हैं।

स्टॉक ब्रोकर : यह निवेशकों और एक्सचेंज के मध्य एक माध्यम होता हैं जो एक्सचेंज से शेयर्स ,बांड्स ,म्यूच्यूअल फंड्स की खरीद और बेच और सुगम बनाता हैं। यह निवेशको के तरफ से स्टॉक एक्सचेंज से प्रतिभूतियों को खरीदता और बेचता हैं।

निफ़्टी 50 :  यह देश की टॉप 50 बड़ी कंपनी का समूह हैं।

सेंसेक्स :  यह देश की टॉप 30 बड़ी कंपनियों का समूह हैं।

इंडेक्स :  इंडेक्स बहुत से कंपनियों का एक समूह होता हैं भारत में बहुत इंडेक्स मौजूद हैं जिनमे से निफ़्टी 50 ,सेंसेक्स ,निफ़्टी 100 ,निफ़्टी नेक्स्ट 50 आदि।

पोर्टफोलियो : पोर्टफोलियो बहुत से शेयर्स का समूह होता हैं ,जिनमे किसी निवेशक के द्वारा निवेश किया जाता हैं। इसमें अलग अलग सेक्टर्स की कंपनियों के अलग अलग शेयर्स भी हो सकते हैं और एक कंपनी के बहुत से शेयर्स भी हो सकते हैं।

बुलिश मार्केट : इस मार्केट में कंपनियों के शेयर्स की कीमत ऊपर बढाती जाती हैं जब तक मार्केट में किसी प्रकार की करेक्शन न आये।

बेयरिश मार्किट : इस मार्केट में कंपनियों के शेयर्स की कीमत नीचे जाती हैं जब तक मार्केट में किसी प्रकार की करेक्शन न आये।

ओपन प्राइस : जब मार्केट ओपन होता हैं तो उस दौरान शेयर्स की जिस कीमत की खरीद ,बिक्री शुरू होती हैं उसे ओपन प्राइस कहा जाता हैं।

क्लोज़िंग प्राइस : जब मार्केट बंद होने वाला होता हैं उस दौरान सबसे लास्ट में जिस कीमत पर शेयर्स की खरीद ,ब्रिकी होती हैं उसे क्लोजिंग प्राइस कहा जाता हैं।

बिड प्राइस :  उस अधिकतम कीमत को कहा जाता हैं जिस कीमत पर निवेशक शेयर्स को खरीदना चाहता हैं।

आस्क प्राइस : उस न्यूनतम कीमत को कहा जाता है जिस कीमत पर शेयर्स का मालिक अपने शेयर्स को बेचना चाहता हैं।

डिविडेंड :  जब किसी कंपनी को लाभ होता हैं तो वह कंपनी उस लाभ को अपने निवेशकों के बीच में बाँट देती हैं। यह लाभ या तो पैसे के रूप में होता हैं या शेयर्स के रूप में।

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शेयर मार्केट कैसे सीखें-Share Market Kaise sikhe ?

अगर आप शेयर मार्केट में निवेशक बनना चाहते हैं, तो आपको शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले शेयर मार्केट के बारें में जानकारी जरूर करना चाहिए कि Share Market Kya Hai ,ताकि शेयर मार्केट में आर्थिक नुकसान से बचाव किया जा सकें। शेयर मार्केट को सीखने के लिए आपको सबसे पहले शेयर मार्केट की बेसिक्स को सीखना चाहिए। जिसमे से आपको निम्न चीजों को जरूर सीखना चाहिए। जो इस प्रकार हैं

  1. फ़ण्डामेनल एनालिसिस
  2. टेक्निकल एनालिसिस
  3. रिस्क मैनेजमेंट
  4. मनी मैनेजमेंट
  5. इमोशंस कंट्रोलिंग

शेयर बाजार के नियम

शेयर मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों को निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियम फॉलो जरूर करना चाहिए ताकि मार्केट में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सकें। शेयर मार्केट से संम्बन्धित कुछ नियम नीचे बताये गए हैं जिन्हे ध्यानपूर्वक पढ़े।

एक अच्छा ब्रोकर चुने :  जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करने की शुरुवात करें। आपको एक अच्छे ब्रोकर की तलाश करनी चाहिए , जो आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरें।

अपनी रिसर्च खुद करें :  जब भी आप एक अच्छे ब्रोकर की तलाश कर लें ,तो अब आपको किसी स्टॉक्स ,बांड्स ,म्यूच्यूअल फंड्स या किसी इंडेक्स को खरीदने से पहले आपको अपने बुद्धि विवेक के बल पर खुद रिसर्च करनी हैं। आपको टेलेविजन ,यूट्यूब या किसी व्यक्ति की अनुशंषा के द्वारा स्टॉक मार्केट में काम नहीं करना हैं।

व्यवसाय चुनें ,किसी स्टॉक्स को नहीं :  जब आप किसी स्टॉक को खरीदने के बारें में सोच रहे हो तो आपको उन स्टॉक को चुनना चाहिए। जो एक लम्बे समय तक चलने वाले हो जैसे की Asianpaint  एक ऐसा शेयर हैं जो पेन्ट के सेक्टर में जाना माना ब्रांड हैं और इसकी मांग कभी ख़तम नहीं होगी।

कभी भी उधार या लोन लेकर निवेश न करें : अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो उधार या लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो यह लिए बिलकुल भी सही नहीं हैं। क्योकि उधार या लोन लेने से आपके ऊपर लोन तथा उधार को चुकाने का दबाव हमेशा बना रहेगा। जो आपके लिए शेयर मार्केट में डिसिशन लेने में मुसीबत बनेगा।

तर्क पर भरोसा रखें ,न की भावनाओं पर :  शेयर मार्केट में हमेशा अपनी भावनाओ पर काबू करना चाहिए क्योकि इनसे आपको भारी भरकम नुकसान हो सकता हैं। अगर आप शेयर मार्केट में भावनाओ से काम करते हैं तो यह आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता हैं।हमेशा अपने तर्क पर विश्वास करना चाहिए।

स्टॉप लॉस का प्रयोग :  अगर शेयर मार्किट में कोई सौदा आपके फेवर में नहीं जाता हैं और सौदा उल्टा पड़ जाता हैं तो आपको भारी नुकसान हो सकता हैं। इससे बचने के लिए आपको हमेशा स्टॉप लॉस आर्डर का प्रयोग करना चाहिए ताकि भारी नुकसान से बचा जा सकें।

पोर्टफोलियो में विविधता लाएं :  अगर आप शेयर मार्केट में बहुत से दिनों से काम कर रहे हैं तो आपने कभी न कभी यह जरूर देखा होगा। कि किसी समय किसी विशेष सेक्टर के शेयर्स ज्यादा ऊपर चढ़ रहे ,और उसी समय किसी अन्य विशेष सेक्टर्स के शेयर्स नीचे गिर रहें हैं। ऐसा इसलिए होता हैं कि शेयर मार्केट में इंडेक्स को बैलेंस करने के लिए कभी कुछ शेयर निचे आते हैं और ठीक उसी समय कुछ शेयर ऊपर जाते हैं। इस वजह से अगर आपके पोर्टफोलियो में विविधता रहती हैं तो आपके पोर्टफोलियो की रिटर्न में कोई खास अंतर नहीं आ रहा होगा।

शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें –

आज 2024 के इस मंहगाई के दौर में आप कितने भी पैसे क्यों न कमा रहें हो ,लेकिन आप जानते ही होंगे कि हमारी मेहनत की कमाई का कितना हिस्सा हम बचा पाते हैं। हमारी आय के अधिकतर पैसे हमारी बेसिक्स नीड्स में बहुत जल्द खत्म हो जाते हैं और जो पैसे हम बचाकर बैंक में डालते हैं उस पर हमे न के बराबर ब्याज मिलता हैं। उच्च मंहगाई के दर की बदौलत हमारी बैंक में रखीं सेविंग्स भी ख़तम होती जा रही हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए हम शेयर मार्केट के कुछ सुरक्षित साधनों में निवेश करके सेविंग्स को बचाने के साथ साथ उसे बढ़ा सकते हैं।

शेयर मार्केट में निवेश के फायदे

शेयर मार्केट में निवेश करने के बहुत से फायदे हैं जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं

  1. अपनी सेविंग्स को बचाकर उसे बढ़ा सकते हैं।
  2. मंहगाई को मैनेज कर सकते हैं।
  3. अपने भविष्य के लिए कुछ फंड्स जोड़ सकते हैं।
  4. अपना रिटायरमेंट प्लान कर सकते हैं।
  5. इमरजेंसी के लिए फंड्स जोड़ सकते हैं।

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शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

अगर आपको शेयर मार्केट में काम करते हैं और आपको शेयर मार्केट में भारी नुकसान उठाना पड़ता हैं। तो आप निम्न टिप्स को फॉलो करके अपने नुकसान को कम कर सकते हैं।

ओवर ट्रेड : कभी भी शेयर मार्केट में ओवर ट्रेड नहीं करनी चाहिए क्योंकि ओवर ट्रेड करने से आपके फंड्स में कमी होना शुरू हो जाती हैं जिससे आपके पास अच्छे मौको के लिए फंड्स नहीं बचते हैं।

अपने ज्ञान को बढ़ाये : अगर आपको किसी शेयर्स या इंडेक्स या म्यूच्यूअल फंड्स की सही कीमत आंकने में परेशानी आ रही हैं तो आप अपने ज्ञान को बढ़ाये। ताकि आप सही कीमत पर प्रतिभूतियों को खरीद सकें और अपने टारगेट प्राइस पर बेच कर मुनाफा कमा सकें। सही कीमत जानने के लिए आप मूविंग एवरेज का प्रयोग कर सकते हैं यह बहुत ही सिंपल तथा कारगर टेक्निकल इंडिकेटर हैं।

झुण्ड का शिकार न बनें : शेयर बाजार में बहुत से लोग टेलेविजन ,यूट्यूब चैनल पर अपनी अपनी अनुशंषा देते रहते हैं। जिनको सुनकर बहुत से निवेशक उन्ही अनुशंषाओं को फॉलो करते हैं जिनकी वजह से उन्हें बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं। आपको हमेशा अपनी एनालिसिस के आधार पर शेयर मार्केट में काम करना चाहिए।

ईमानदार बनें : अगर आप एक अच्छे निवेशक बनना चाहते हो तो आपको सबसे पहले अपने प्रति ईमानदार बनना चाहिए। आपको अपने बारें में जानना चाहिए कि मुझे मार्केट की कितनी जानकारी हैं और मेरी क्षमता क्या हैं।

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें –

शेयर मार्केट में निवेश करने के बहुत से तरीके मौजूद हैं जिनमे से आप अपने रिस्क के हिसाब से तरीके को चुन सकते हैं।

  1. म्यूच्यूअल फंड्स में SIP के माध्यम से पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
  2. इंडेक्स फण्ड में सही मौके पर पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
  3. गोल्ड में पैसे इन्वेस्ट करके आप सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
  4. ETF में पैसा लगा के निवेश कर सकते हैं।
  5. निफ़्टी 50 टॉप कंपनियों में सुरक्षित निवेश प्लान कर सकते हो।

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें-

शेयर मार्केट में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए आपको अपनी सुविधा के अनुसार किसी अच्छे  ब्रोकर के पास खाता खुलवाना चाहिए।यहाँ आपके पास अकाउंट खुलवाने के दो तरीके बताये गए। अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास निम्न डाक्यूमेंट्स होने चाहिए।

  1. Pan Card
  2. Address Proof
  3. Signature On White Paper
  4. Photograph
  5. Income Statement If For F&O

Online Broker के द्वारा : आप किसी ऑनलाइन ब्रोकर के द्वारा निम्न डाक्यूमेंट्स सबमिट करके अपना डीमैट अकाउंट को खुलवा सकते हैं।

Bank द्वारा : अगर आप बैंक में डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो आप संबंधित बैंक से सीधे संम्पर्क करके अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

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शेयर बाजार में पैसा कैसे लगाए और कैसे कमाए

शेयर बाजार में पैसा लगाना बहुत आसान हैं आप अपनी इक्षानुसार किसी भी शेयर ,म्यूच्यूअल फंड्स ,इंडेक्स फंड्स को अपने ट्रेडिंग अकाउंट से खरीद कर पैसे निवेश कर सकते हैं।

उदहारण :-

मान लीजिये आप शेयर मार्केट में एक सुरक्षित निवेश करने की सोच रहे हैं और आपके पास 100000 रूपये हैं तो आपको सबसे पहले बिना किसी जल्दबाजी के आपको 10-12 Debt Mutual Funds को चुनना हैं। जो Short Term और Ultra Short Term Mutual Funds होने चाहिए। ये म्यूच्यूअल फंड्स भी कंसिस्टेंट 8 -10 % सालाना रिटर्न देते रहते हैं और ये म्यूच्यूअल फंड्स डायरेक्ट ग्रोथ वाले होने चाहिए न की डिविडेंड और रेगुलर। इन 10 -12 म्यूच्यूअल फंड्स में बराबर पैसे लगा के छोड़ दें।

अब आपको सुरक्षित निवेश के लिए सिर्फ और सिर्फ निफ़्टी 50 या सेंसेक्स में से शेयर्स को चुनना हैं क्योकि इनके शेयर्स 1-2 साल के चार्ट पैटर्न पर 25-30% तक एवरेज गिरते रहते है और फिर दुवारा से चढ़ जाते हैं। जबकि किसी और इंडेक्स के शेयरो की गिरावट को प्रेडिक्ट कर पाना मुश्किल हैं कि ये शेयर्स कहां तक गिरेंगे। इस वजह से हम सिर्फ निफ़्टी 50 और सेंसेक्स के टॉप शेयर्स को पकड़ेंगे को 1-2 साल के चार्ट पर 25 -30 % गिर जाते है और दुवारा से ऊपर चढ़ जाते हैं।

अब जब निफ़्टी 50 या सेंसेक्स के शेयर अपने लाइफटाइम टॉप से 10 % गिर जाये ,और आपका अंदाजा है कि ये शेयर अपने टॉप से 30 % गिरेगा।  तब आपको अपने डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स के पैसे को निकाल लेना हैं और उस 100000 रूपये के 10 हिस्सा करना हैं।

जब आपका शेयर टॉप से 10% गिर गया है तो आपको 10000 रूपये तुरंत लगा देना हैं। उसके बाद मान लो आपका शेयर 10 % गिर गया हैं और आपका अंदाजा 30 % तक गिरने का हैं तो 30%-10% =20% को 4 से डिवाइड करने पर 5% आता हैं अब आपको हर 5% शेयर के गिरने पर FFD के तहत पैसे लगाने हैं FFD का अर्थ हैं FIxed FIxed Double अपने पैसे को दो बार FIxed FIxed और तीसरी बार Double लगाने हैं।

जैसे टॉप से 10% की गिरावट पर आपको 10000 ,फिर अगली 5% या टोटल गिरावट 15% होने पर 10000 , फिर अगली 5% गिरावट या टोटल गिरावट 20% पर 20000 रूपये लगाने हैं इसी प्रकार अगली 5% गिरावट या टोटल 25% गिरावट पर 20000 रूपये लगाने हैं और अंत में 5% गिरावट या टोटल 30% गिरावट पर 40000 रूपये लगाने हैं।

इस प्रकार आपके 100000 रूपये आपकी 5 किस्तों 10000 ,10000 ,20000,20000 ,40000 में FFD के तहत निवेश हो जायेंगे।

चूँकि इस रणनीति में आपको 5 किस्ते लगाने का मौका बहुत ही कम मिलेगा। इसके तहत अगर आपकी 5 किस्ते न लग पाए और आपका शेयर बढ़ना शुरु हो जाये तो आपको पैसे नहीं लगाने हैं आपको ये देखने हैं अगर आपका प्रॉफिट 15% हो जाये तो आपको शेयर बेच देंना हैं। और फिर से गिरना शुरू होता हैं तो टॉप से जैसे ही 10% गिरें  आपको फिर FIxed FIxed Double के तहत खरीदारी शुरू कर दें और जब शेयर ऊपर बढ़ने लगें तो उसे बेच दें।

इस प्रकार आप साल भर कुछ शेयर्स को बेचकर प्रॉफिट बुक कर रहे होंगे तो कभी किसी टॉप से गिरे शेयर को खरीद रहे होंगे। इस रणनीति के तहत आपको सुरक्षित रूप से 15-20% सालाना रिटर्न प्राप्त होता रहेगा।

निष्कर्ष :

आज के इस लेख में Share Market Kya Hai और शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं के साथ साथ शेयर मार्केट के बहुत से पहलुओं को विस्तार से जाना।

Note : इस लेख में दी गयी जानकारी एजुकेशनल उद्देश्य के लिए लिखी गयी हैं शेयर मार्केट में निवेश जोखिमो के अधीन हैं कृपया शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।

 

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