नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सब अच्छे से जानते हैं कि शेयर मार्केट में बहुत प्रकार के कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न मौजूद हैं जिनमें से आज हम Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) के बारें में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।
Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) एक सिंगल ट्रेंड कैंडलस्टिक पैटर्न हैं ,यह पैटर्न दोनों प्रकार के ट्रेंड में बन सकता हैं।
What is Spinning Top Candlestick ?
Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) और कुछ नहीं बल्कि एक ट्रेंड रेवेर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न हैं। यह पैटर्न डाउनट्रेंड तथा अपट्रेंड दोनों प्रकार के ट्रेंड में बन सकता हैं। इस कैंडलस्टिक में बॉडी का आकार छोटा होता हैं, बॉडी कैंडलस्टिक के बीच में या थोड़ा ऊपर नीचे हो सकती हैं।इस कैंडलस्टिक में कैंडल की अपर और लोअर शैडो बड़ी होती हैं और अपर और लोअर शैडो बॉडी की तुलना में लगभग दोगुनी या थोड़ी छोटी होती हैं।
ट्रेंड रेवेर्सल की दृष्टि से स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न दो प्रकार का होता हैं।
- बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bullish Spinning Top Candlestick )
- बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bearish Spinning Top Candlestick )
What is Bullish Spinning Top Candlestick ?
जब Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) का निर्माण एक 4-6 कैंडल के डाउनट्रेंड में सपोर्ट लाइन पर होता हैं तब बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडल बनती हैं। इस कैंडलस्टिक में कैंडल की बॉडी छोटी होती हैं और यह दोनों बड़ी और लगभग बराबर लम्बाई की अपर और लोअर शैडो के बीच में या थोड़ा ऊपर नीचे होती हैं।
रंग के हिसाब से बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक दो प्रकार की होती हैं। वैसे तो रंग से स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं ,लेकिन हरी स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक डाउन ट्रेंड में जब बनती हैं तो इससे एक अच्छा मजबूत संकेत मिलता हैं कि स्टॉक या इंडेक्स का ट्रेंड रेवेर्सल होने वाला हैं जबकि लाल स्पिनिंग टॉप से ट्रेंड रेवेर्सल की थोड़ी कम मजबूती देखने को मिलती हैं।
- हरी स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
- लाल स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
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Psychology Behind the Bullish Spinning Top Candlestick
बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bullish Spinning Top Candlestick ) के बनने के पीछे की साइकोलॉजी यह होती हैं कि जब एक लंबे डाउन ट्रेंड में कोई स्टॉक या इंडेक्स ट्रेड कर रहा होता हैं तो स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस सेलिंग प्रेशर की वजह से नीचे आ जाता हैं क्योकिं इस समय मार्केट में बहुत सारे sellers सेलिंग कर रहे होते हैं। जब प्राइस काफी नीचे आ जाता हैं तो मार्केट में buyers की एंट्री हो जाती हैं और उन्हें यह लगता हैं कि अब स्टॉक या इंडेक्स काफी नीचे आ गया हैं या ओवरसोल्ड हो गया हैं और इससे और नीचे नहीं जा सकता हैं।
Buyers की इसी साइकोलॉजी की वजह से buyers डाउनट्रेंड में सपोर्ट लाइन पर स्टॉक की खरीदारी में जुट जाते हैं। जिससे बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bullish Spinning Top Candlestick ) का निर्माण होता हैं यह किसी भी रंग की हो सकती हैं। रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता हैं।
What is Bearish Spinning Top Candlestick ?
जब Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) का निर्माण एक 4-6 कैंडल के अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स लाइन पर होता हैं तब बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडल बनती हैं। इस कैंडलस्टिक में कैंडल की बॉडी छोटी होती हैं और यह दोनों बड़ी और लगभग बराबर लम्बाई की अपर और लोअर शैडो के बीच में या थोड़ा ऊपर नीचे होती हैं।
रंग के हिसाब से बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक दो प्रकार की होती हैं। वैसे तो रंग से स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं ,लेकिन हरी स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक अपट्रेंड में जब बनती हैं तो इससे एक अच्छा मजबूत संकेत मिलता हैं कि स्टॉक या इंडेक्स का ट्रेंड रेवेर्सल होने वाला हैं जबकि लाल स्पिनिंग टॉप से ट्रेंड रेवेर्सल की थोड़ी कम मजबूती देखने को मिलती हैं।
- हरी स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
- लाल स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
Psychology Behind the Bearish Spinning Top Candlestick
बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bearish Spinning Top Candlestick ) के बनने के पीछे की साइकोलॉजी यह होती हैं कि जब एक लंबे अपट्रेंड में कोई स्टॉक या इंडेक्स ट्रेड कर रहा होता हैं तो स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस बाइंग प्रेशर की वजह से ऊपर आ जाता हैं क्योकिं इस समय मार्केट में बहुत सारे buyers खरीददारी कर रहे होते हैं। जब प्राइस काफी ऊपर आ जाता हैं तो मार्केट में sellers की एंट्री हो जाती हैं और उन्हें यह लगता हैं कि अब स्टॉक या इंडेक्स काफी ऊपर आ गया हैं या ओवरबॉट हो गया हैं और इससे और ऊपर नहीं जा सकता हैं।
Sellers की इसी साइकोलॉजी की वजह से Sellers अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स लाइन पर स्टॉक की बिकवाली में जुट जाते हैं। जिससे बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bearish Spinning Top Candlestick ) का निर्माण होता हैं यह किसी भी रंग की हो सकती हैं। रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता हैं।
How to Identify Spinning Top Candlestick ?
जब आप शेयर मार्केट में ट्रेड कर रहें हो और आप कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को फॉलो करते हैं तो आपको कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को पहचानना बहुत जरुरी हैं। अगर शेयर मार्केट में आप सही समय पर ट्रेंड रेवेर्सल कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को पहचान लेते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता हैं।
यहाँ पर हम स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक को चार्ट पर पहचानने के बारें में निम्न स्टेप में जानेंगे।
स्टेप 1. सबसे पहले आप तय कीजिये की आप किस प्रकार की ट्रेडिंग और पोजीशन अर्थात (Long या Short) बनाना चाहते हैं।
स्टेप 2. जब आप अपने लिए ट्रेडिंग टाइप और पोजीशन के बारें में निश्चित हो जाएँ तो आपको अपने मनपसंद स्टॉक या इंडेक्स के चार्ट पैटर्न को खोलना हैं।
स्टेप 3. अब आपको Long या Short पोजीशन के हिसाब से स्टॉक या इंडेक्स के डाउनट्रेंड या अपट्रेंड में ऐसी कैंडल को ढूढना हैं जिसकी बॉडी छोटी हो और इसकी दोनों शैडो बॉडी की तुलना में दोगुनी या थोड़ी बहुत छोटी हो एक दूसरे से। इसके साथ में बॉडी की स्थिति दोनों शैडो की ठीक बीच में या थोड़ी ऊपर नीचे हो सकती हैं।
स्टेप 4. जब आप ऐसे कैंडल को ढूढ़ लें तब आपको Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) के वॉल्यूम को चेक करना हैं कि स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के ठीक पहले वाली कैंडल के वॉल्यूम से ज्यादा होना चाहिए।
इस प्रकार अब आप चार्ट पैटर्न पर स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक को पहचान सकते हैं।
Confirmation
जब आप अपनी ट्रेडिंग पोजीशन के हिसाब से अपने लिए स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को ढूढ़ लें तब आपको ट्रेड लेने से पहले उस कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के कन्फर्मेशन को चेक करना हैं। कहीं ये बनने वाली स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक फेक कैंडलस्टिक तो नहीं हैं। इसके कन्फर्मेशन के लिए आप निम्न तरीके को इस्तेमाल कर सकते हैं…….
ट्रेंड या ट्रेडिंग पोजीशन के हिसाब से कन्फर्मेश की दो स्थितियों में संभव हैं:
डाउन ट्रेंड या लॉन्ग पोजीशन : जब कोई स्टॉक या इंडेक्स एक डाउनट्रेंड में हो और सपोर्ट लाइन पर एक Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) का निर्माण हो जाता हैं। तब आपको ट्रेड में एंट्री से पहले इसके कन्फर्मेशन को चेक करना हैं। जब तक स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कैंडलस्टिक की क्लोजिंग, स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के ठीक पहले वाली कैंडल के हाई को ब्रेक नहीं कर देती हैं तब तक आपको एंट्री नहीं करनी हैं।
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अपट्रेंड या शॉर्ट पोजीशन : जब कोई स्टॉक या इंडेक्स एक अपट्रेंड में हो और रेसिस्टेन्स लाइन पर एक Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) का निर्माण हो जाता हैं। तब आपको ट्रेड में एंट्री से पहले इसके कन्फर्मेशन को चेक करना हैं। जब तक स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कैंडलस्टिक की क्लोजिंग, स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के ठीक पहले वाली कैंडल के लो को ब्रेक नहीं कर देती हैं तब तक आपको एंट्री नहीं करनी हैं।
How to Trade Spinning Top Candlestick ?
जब आप अपने मनपसंद स्टॉक या इंडेक्स में एक लम्बे डाउन या अपट्रेंड में एक अच्छे Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) को पहचान लेते हैं,और उस कैंडलस्टिक पैटर्न का कन्फर्मेशन हो जाता हैं।तब आपको ट्रेड को एक्सेक्यूट करना हैं।
ट्रेड को सफल और अच्छे तरीके से एक्सेक्यूट करने के लिए आपको Entry Point ,Target Point और Stoploss की अच्छे तरीके से जानकारी होनी चाहिए ,ताकि ट्रेडिंग के दौरान आपको किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़ें।और आप अच्छे से ट्रेडिंग और प्रॉफिट प्राप्त कर पाएं।
Entry Point
अगर आपने ऊपर बताये गए सभी स्टेप पूरे कर लिए हैं और आपने ट्रेड के लिए एक अच्छी Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) को पहचान लिया हैं। तब आप ट्रेड में एंट्री के लिए निम्न तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं।
पोजीशन के हिसाब से एंट्री दो तरीके से की जा सकती हैं:
- लॉन्ग पोजीशन
- शॉर्ट पोजीशन
लॉन्ग पोजीशन : अगर आप किसी स्टॉक या इंडेक्स में कोई लॉन्ग पोजीशन बनाना चाहते हैं और आपने उस स्टॉक या इंडेक्स के चार्ट पैटर्न पर 4-6 कैंडल या उससे ज्यादा कैंडल के एक लम्बे डाउन ट्रेंड में सपोर्ट लाइन पर एक बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक को पहचान लिया हैं। तो अब आपको ट्रेड में एंट्री के तब तक इंतज़ार करना हैं जब तक बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कोई कैंडल की क्लोजिंग ,बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल के हाई को ब्रेक नहीं कर देती हैं।
जब कोई कैंडल बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल के हाई को ब्रेक कर दें ,तब आपको उसके बाद ट्रेड में एंट्री लेनी हैं। आपको एक बात और ध्यान रखनी हैं कि बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक का वॉल्यूम अपने से पीछे वाली कैंडल के वॉल्यूम से ज्यादा होना चाहिए।
शॉर्ट पोजीशन : अगर आप किसी स्टॉक या इंडेक्स में कोई शॉर्ट पोजीशन बनाना चाहते हैं और आपने उस स्टॉक या इंडेक्स के चार्ट पैटर्न पर 4-6 कैंडल या उससे ज्यादा कैंडल के एक लम्बे अप ट्रेंड में रेसिस्टेन्स लाइन पर एक बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक को पहचान लिया हैं। तो अब आपको ट्रेड में एंट्री के तब तक इंतज़ार करना हैं जब तक बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कोई कैंडल की क्लोजिंग ,बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल के लो को ब्रेक नहीं कर देती हैं।
जब कोई कैंडल बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल के लो को ब्रेक कर दें ,तब आपको उसके बाद ट्रेड में एंट्री लेनी हैं। आपको एक बात और ध्यान रखनी हैं कि बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक का वॉल्यूम अपने से पीछे वाली कैंडल के वॉल्यूम से ज्यादा होना चाहिए।
Target Point
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न से ट्रेड करने पर ट्रेडर्स एंट्री पॉइंट और लो या हाई के अंतर के जितना टारगेट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक या किसी और प्रकार के कैंडलस्टिक से ट्रेड करने पर ट्रेडर्स अपना टारगेट निम्न प्रकार से सेट कर सकते हैं :
उदाहरण : 1
लॉन्ग पोजीशन के लिए : मान लेते हैं आपने डाउन ट्रेंड में एक बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bullish Spinning Top Candlestick ) की पहचान कर ली हैं इस कैंडलस्टिक का हाई और लो क्रमशः 95 व 84 हैं। इस बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल का हाई और लो क्रमशः 100 और 85 हैं और बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कैंडल या कन्फर्मेशन कैंडल का हाई और लो क्रमशः 102 और 89 हैं।
इस केस में कन्फर्मेशन कैंडल ने बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के पहले की कैंडल के हाई को 101 पर ब्रेक कर दिया हैं और आपने इस ट्रेड में 102 पर एंट्री कर लीं हैं।
तब इस ट्रेड में टारगेट कुछ इस प्रकार होगा ,
ट्रेड का टारगेट = ट्रेड का एंट्री पॉइंट + ( ट्रेड का एंट्री पॉइंट – बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक का लो )
ट्रेड का टारगेट = 102 +( 102 – 84 )
ट्रेड का टारगेट = 102 + 18
ट्रेड का टारगेट = 120 रूपये।
उदाहरण : 2
शॉर्ट पोजीशन के लिए : मान लेते हैं आपने अपट्रेंड में एक बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक ( Bearish Spinning Top Candlestick ) की पहचान कर ली हैं इस कैंडलस्टिक का हाई और लो क्रमशः 95 व 84 हैं। इस बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बनने के ठीक पहले वाली कैंडल का हाई और लो क्रमशः 92 और 75 हैं और बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बाद बनने वाली कैंडल या कन्फर्मेशन कैंडल का हाई और लो क्रमशः 91 और 70 हैं।
इस केस में कन्फर्मेशन कैंडल ने बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के पहले की कैंडल के लो को 74 पर ब्रेक कर दिया हैं और आपने इस ट्रेड में 73 पर एंट्री कर लीं हैं।
तब इस ट्रेड में टारगेट कुछ इस प्रकार होगा ,
ट्रेड का टारगेट = ट्रेड का एंट्री पॉइंट – ( बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक का हाई – ट्रेड का एंट्री पॉइंट )
ट्रेड का टारगेट = 73 -(95 – 73 )
ट्रेड का टारगेट = 73 – 22
ट्रेड का टारगेट = 51 रूपये।
या
अगर आप ऊपर बताये गए तरीके से टारगेट सेट नहीं करना चाहते हैं तो आप अपनी सुविधानुसार 1 : 1 या 1 : 2 का टारगेट सेट कर सकते है।
या
जब तक मार्केट में कोई ट्रेंड रेवेर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न न बन जाएँ तब तक आपको अपने प्रॉफिट को बुक नहीं करना हैं।
आप टारगेट किसी भी तरीके से सेट करें लेकिन आपको ये ध्यान रखना हैं कि मार्केट में जैसे ही कोई ट्रेंड रेवेर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न बन जाएँ आपको तुरंत अपनी पोजीशन को क्लोज करके प्रॉफिट बुक कर लेना हैं।
Stop Loss
जब आप किसी ट्रेड में एंट्री करते हैं तो आपको अपनी ट्रेडिंग कैपिटल की सुरक्षा के लिए प्रत्येक ट्रेड में स्टॉपलॉस जरूर सेट करना चाहिए। ताकि ट्रेड उल्टा पड़ने पर कैपिटल का नुकसान ज्यादा न हों। स्टॉपलॉस को सही तरीके से सेट करने के लिए आप निम्न तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं।
लॉन्ग पोजीशन : लॉन्ग पोजीशन में आप बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के लो का स्टॉपलॉस सेट कर सकते हैं और जैसे जैसे मार्केट ऊपर जाता जाये तो आपने स्टॉपलॉस को ट्रेल करते हुए ऊपर लेते जाना हैं। ताकि अगर मार्केट एकदम से रिवर्स हो तो आपका प्रॉफिट एकदम से नुकसान में न बदले और आप प्रॉफिट में ही ट्रेड से बाहर निकले।
शॉर्ट पोजीशन : शॉर्ट पोजीशन में आप बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के हाई का स्टॉपलॉस सेट कर सकते हैं और जैसे जैसे मार्केट नीचे जाता जाये तो आपने स्टॉपलॉस को ट्रेल करते हुए नीचे लेते जाना हैं। ताकि अगर मार्केट एकदम से रिवर्स हो तो आपका प्रॉफिट एकदम से नुकसान में न बदले और आप प्रॉफिट में ही ट्रेड से बाहर निकले।
Success Rate
Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) की सक्सेस रेट भी अन्य कैंडलस्टिक के सामान ही हैं।कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न10 में से लगभग 6 -7 बड़े आराम से कार्य करते हैं यदि आपने अच्छे तरीके और कन्फर्मेशन के साथ किसी भी कैंडलस्टिक की पहचान की हो।
Tips for Trading
शेयर मार्केट में काम करने वाले ट्रेडर्स को एक सफल ट्रेडर बनने के लिए निम्न टिप्स को जरूर अपनाना चाहिए।
- हमेशा एक टेक्निकल इंडिकेटर के भरोसे ट्रेड नहीं करना चाहिए।
- आपको Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) के वॉल्यूम को ध्यान में रखना चाहिए की यह पिछली कैंडल के वॉल्यूम से ज्यादा हों।
- ट्रेड में एंट्री से पहले ट्रेंड रेवेर्सल के कन्फर्मेशन को जरूर चेक करना चाहिए।
- ट्रेड में एंट्री के समय एंट्री पॉइंट ,टारगेट पॉइंट और स्टॉपलॉस को प्रॉपर तरीके से इस्तेमाल और जरूर सेट करना चाहिए।
- ट्रेड में छोटे छोटे प्रॉफ़िट्स को बुक करते रहना चाहिए।
- स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न में महारथ हासिल करने के लिए आपको किसी स्टॉक या इंडेक्स के प्राइस चार्ट पर बैकटेस्टिंग जरूर करें।
- कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की प्राइस साइकोलॉजी को समझने में विशेषज्ञा जरूर हासिल करें।
- अगर आप नए ट्रेडर हैं तो आपको प्रीतिदिन 10-15 चार्ट की प्रैक्टिस करनी चाहिए।
- आप चार्ट प्रैक्टिस करने के लिए tradingview जैसे किसी भी प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Conclusion:
दोस्तों आज के इस लेख में स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक के बारें में बहुत विस्तार से जाना हैं कि Spinning Top Candlestick Pattern(स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न) क्या हैं ,स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान कैसे की जाती हैं और स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड कैसे करें। अगर आपको इस लेख से संबंधित किसी प्रकार का कोई doubt या query हो तो आप हमें deeprj625@gmail.com पर ईमेल करके पूछ सकते हैं हम आपको जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे।
अगर इस लेख के माध्यम से आपकी ट्रेडिंग नॉलेज में कुछ वैल्यू ऐड होती हैं तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर ,कमेंट करके हमारा आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। जिससे हमें इसी तरह के और लेख लिखने की प्रेरणा प्राप्त हो सकें।
नोट : इस लेख को सिर्फ और सिर्फ एजुकेशनल और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया हैं शेयर मार्केट में जोखिम शामिल होता हैं किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ,ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।
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