Bearish engulfing candlestick (बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न) एक डबल कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न हैं दोस्तों आज के इस लेख में आपको Bearish engulfing candlestick in hindi के बारें में विस्तार से जानकारी प्राप्त होगी।जैसा कि आप सब जानते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान बहुत सारे टेक्निकल इंडीकेटर्स का प्रयोग किया जाता हैं ,इन्हीं में से एक बहुत पॉपुलर टेक्निकल इंडिकेटर कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न हैं जो शेयर मार्केट की प्राइस एक्शन का दिल हैं अगर आपने कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को अच्छे से सीख लिया तो आप संभवता 100% एक सफल ट्रेडर बनने में कामयाब हो जायेंगे।
बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न एक ट्रेंड रेवेर्सल कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न हैं जो एक लंबे कम से कम 4 कैंडल्स के अपट्रेंड को डाउनट्रेंड में बदलने का संकेत देता हैं।आज के इस लेख में बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न कैसे काम करता हैं ,इसमें ट्रेड कैसे किया जाता हैं और ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस और टारगेट कहाँ लगाया जाता हैं ,के बारें में विस्तार से बताया जायेगा ताकि इस कैंडल को ट्रेड करते टाइम आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें। तो चलिए जानते हैं बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में।
What is Bearish engulfing Candlestick ?
Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) और कुछ नहीं बल्कि एक ट्रेंड रेवेर्सल डबल कैंडलस्टिक पैटर्न हैं जिसका निर्माण कम से कम 4 कैंडल के अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर होता हैं।इस कैंडलस्टिक पैटर्न के निर्माण में एक इस तरह की बड़ी और लाल या बेयरिश कैंडल बनती हैं जो अपने से पहले बनने वाली बुलिश हरी कैंडल की सम्पूर्ण बॉडी को अपनी बॉडी में समां लेती या आगोस में कर लेती हैं या ढक लेती हैं।
जब अपट्रेंड में Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) का निर्माण होता हैं तो यह अपट्रेंड को डाउनट्रेंड में बदलने का एक संकेत देती हैं कि अब डाउनट्रेंड आने वाला हैं।
Psychology Behind the Bearish engulfing Candlestick
Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के बनने के पीछे ट्रेडर्स कि यह साइकोलॉजी होती हैं कि जब मार्केट में किसी स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस एक लंबे अपट्रेंड में होने की वजह से काफी ऊपर आ गया हैं या ओवरसोल्ड हो गया हैं तो ट्रेडर्स की यह साइकोलॉजी हो जाती हैं कि स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस इससे ऊपर नहीं जायेगा।
इसी वजह से मार्केट में Sellers की अच्छी खासी संख्या में एंट्री हो जाती हैं और Sellers प्राइस को नीचे ले जाते या ले जाने की कोशिश करते हैं जिसके फलस्वरूप मार्केट में एक ऐसी बड़ी और लाल कैंडल का निर्माण होता हैं जो अपने से पहले बनी बुलिश कैंडल की सम्पूर्ण बॉडी को अपनी बॉडी में समां या ढक लेती हैं।
Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) बनने के बाद ट्रेडर्स को लगता हैं कि अब अपट्रेंड ख़त्म और डाउनट्रेंड शुरू हो गया हैं।
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How to Identify Bearish engulfing Candlestick ?
यद्यपि आप शेयर मार्केट में किसी भी ट्रेडिंग पैटर्न को फॉलो करते हैं आपकी सफलता के लिए यह महत्वपूर्ण हैं कि आपको उस ट्रेडिंग पैटर्न को पहचानना जरूर आना चाहिए जिससे मार्केट में आपके पैसे बनते रहें न कि आपको नुकसान हो।नीचे Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक )को पहचानने और कन्फर्मेशन के बारें में विस्तार से बताया जा रहा हैं जिसका प्रयोग आप अपनी ट्रेडिंग जर्नी में ट्रेड को एक्सेक्यूट करने के लिए सीख सकते हैं।
Identity :
मार्केट में जब कोई स्टॉक या इंडेक्स एक लंबे कम से कम 4 कैंडल के अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर किसी ऐसी कैंडल का निर्माण करता हैं जिसकी बॉडी बड़ी और लाल हो तथा इस कैंडल की बॉडी अपने से पीछे या पहले बनी बुलिश या हरी कैंडल की बॉडी को अपने में समाती हो या ढकती हो तो इस प्रकार की कैंडल को Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) कहते हैं।
यदि इस कैंडल का निर्माण डाउनट्रेंड तथा साइडवेज़ मार्केट में हो तो इसका कोई महत्व नहीं होता हैं।
Confirmation :
जब Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) का निर्माण एक अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर होता हैं तो इस बात का कन्फर्मेशन तो हो जाता हैं कि यह एक Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) पैटर्न हैं। लेकिन इस बात का भरोसा नहीं होता हैं कि इस कैंडल के बाद बेयरिश ट्रेंड रेवेर्सल होगा या नहीं और ये Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) रियल हैं या फेक।
बेयरिश ट्रेंड रेवेर्सल और Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के कन्फर्मेशन को चेक करने के लिए इस Bearish engulfing candlestick के बाद बनने वाली बेयरिश या लाल कैंडल पर निर्भर करता हैं।यदि Bearish engulfing candlestick के बाद बनने वाली बेयरिश कैंडल की क्लोजिंग ,Bearish engulfing candlestick की क्लोजिंग के नीचे हैं और engulfing कैंडल के बाद वॉल्यूम बढ़ता हैं तो यह एक रियल कन्फर्मेशन हैं और प्राइस यहाँ से नीचे जाने वाला हैं।
अगर आप एक ज्यादा जोखिम लेने वाले ट्रेडर हैं तो आप Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के बाद बनने वाली सिंगल बेयरिश कन्फर्मेशन कैंडल के बाद ट्रेड में एंट्री कर सकते हैं। लेकिन कम जोखिम लेने वाले ट्रेडर्स डबल बेयरिश कन्फर्मेशन कैंडल के बाद ही ट्रेड में एंट्री करें।
Example of Fake Bearish engulfing pattern
नीचे आप चित्र में देख सकते हैं कि एक अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर एक Bearish engulfing candlestick का निर्माण होता हैं लेकिन engulfing के बाद बनने वाली कैंडल बुलिश कैंडल हैं जो Bearish engulfing candlestick का कन्फर्मेशन नहीं देती हैं। इसलिए यह एक फेक बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न हैं।
Example of Real Bearish engulfing pattern
इसी प्रकार नीचे चित्र में देख सकते हैं कि एक अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर एक Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) का निर्माण होता हैं और engulfing के बाद बनने वाली कैंडल बेयरिश कैंडल हैं जो Bearish engulfing candlestick का कन्फर्मेशन दे रही हैं। इसलिए यह एक रियल बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न हैं।
How to Trade Bearish engulfing Candlestick ?
जब मार्केट में इस तरह की Bearish engulfing candlestick का निर्माण और कन्फर्मेशन हो जाये तब आपको ट्रेड में एंट्री पॉइंट ,टारगेट पॉइंट और स्टॉपलॉस को सेट करने की प्लानिंग करनी चाहिए। ताकि मार्केट में ट्रेड करते समय आपको कोई दुविधा न हो और आप सही समय पर सही निर्णय ले पाएं।
एंट्री पॉइंट ,टारगेट पॉइंट और स्टॉपलॉस को सेट करने के लिए आप निम्न तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Entry Point
जब मार्केट में Bearish engulfing candlestick का निर्माण और कन्फर्मेशन हो जाएँ।तब आपको Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के लो को ब्रेक करने पर ट्रेड में एंट्री करनी हैं अर्थात जो कैंडल Bearish engulfing candlestick के लो को ब्रेक करती हैं।
Target Point
मार्केट में किसी भी ट्रेड में टारगेट सेट करना सबसे क्रूशियल माना जाता हैं यदि आप Bearish engulfing candlestick के सहारे मार्केट में ट्रेड करते हैं तो आप निम्न तरीके से अपने टारगेट को सेट कर सकते हैं।टारगेट सेट करने के लिए आप एंट्री पॉइंट और Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के हाई के अंतर के जितना इस्तेमाल कर सकते हैं।
उदाहरण : जब मार्केट में अपट्रेंड में रेसिस्टेन्स पर एक Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) का निर्माण और कन्फर्मेशन हो जाता हैं और आप ट्रेड में एंट्री कर लेते हैं। मान लेते हैं Bearish engulfing candlestick का हाई और लो क्रमशः 98 व 70 हैं। और आप ट्रेड में एंट्री 68 पर कर लेते हैं तब आपका टारगेट कुछ इस प्रकार होगा…
ट्रेड का टारगेट पॉइंट = ट्रेड का एंट्री पॉइंट – ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक का हाई -ट्रेड का एंट्री पॉइंट )
ट्रेड का टारगेट पॉइंट = 68 – ( 98 – 68 )
ट्रेड का टारगेट पॉइंट =68 – 30
ट्रेड का टारगेट पॉइंट = 38 रूपये।
या
सरलता के लिए आप 1 : 1 या 1 : 2 रख सकते हैं।
Stop Loss
जैसे कि आप जानते है कि शेयर मार्केट में कोई भी इंडिकेटर 100% सफल नहीं होता हैं हर टेक्निकल इंडिकेटर फेक सिग्नल प्रदान करता हैं।इसी वजह से मार्केट में कई बार हमे ट्रेड उल्टे भी पड़ जाते हैं। जिससे हमारी कैपिटल का बहुत ज्यादा नुकसान होता हैं इसी समस्या या नुकसान को कम करने के लिए हर एक ट्रेडर को ट्रेडिंग करते समय स्टॉपलॉस का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए ताकि हमारी कैपिटल का नुकसान कम से कम हो।
Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के ट्रेड में स्टॉपलॉस सेट करने के लिए आप Bearish engulfing candle के हाई या ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Success Rate
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि मार्केट में कोई भी ऐसा इंडिकेटर मौजूद नहीं हैं जो 100% एक्यूरेसी रखता हो। हर एक इंडिकेटर की अपनी एक्यूरेसी रेट या सक्सेस रेट होती हैं जो उसे दूसरे से अलग बनाती हैं। यहाँ पर अगर Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) की बात की जाएँ तो इसकी सक्सेस रेट 10 में से लगभग 7-8 बार होती हैं यदि आपने सभी ट्रेडिंग रूल्स और कन्फर्मेशन को अच्छे से पहचाना हैं तो।
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Tips for Trading
अगर आप शेयर मार्केट में बिगिनर्स या मध्यम हैं तब आपको Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) के ट्रेडिंग के दौरान निम्न टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए ताकि आप एक सफल ट्रेडर बनने की यात्रा में कामयाब हो पाएं।
- कभी भी एक इंडिकेटर के सहारे ट्रेड नहीं करना चाहिए।
- कैंडलस्टिक पैटर्न या प्राइस एक्शन में तभी ट्रेड करें जब वॉल्यूम ज्यादा हो ।
- जब Bearish engulfing candlestick का कन्फर्मेशन हो जाएँ तभी ट्रेड करें।
- अपनी ट्रेडिंग एक्यूरेसी बढ़ाने की निरंतर कोशिश करें।
- प्रतिदिन कम से कम 10 चार्ट पैटर्न की प्रैक्टिस करें।
- ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस और टारगेट जरूर सेट करें।
- कभी भी किसी की रिकमेन्डेशन पर भरोसा न करें।
- हमेशा खुद की रिसर्च पर ट्रेड करें।
- चार्ट पैटर्न की प्रैक्टिस करने के लिए आप tradingview आदि प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Conclusion:
दोस्तों आज के इस लेख में बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक के बारें में बहुत विस्तार से जाना हैं कि Bearish engulfing candlestick ( बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक ) क्या हैं ,बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान कैसे की जाती हैं और बेयरिश एंगलफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड कैसे करें। अगर आपको इस लेख से संबंधित किसी प्रकार का कोई doubt या query हो तो आप हमें deeprj625@gmail.com पर ईमेल करके पूछ सकते हैं हम आपको जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे।
अगर इस लेख के माध्यम से आपकी ट्रेडिंग नॉलेज में कुछ वैल्यू ऐड होती हैं तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर ,कमेंट करके हमारा आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। जिससे हमें इसी तरह के और लेख लिखने की प्रेरणा प्राप्त हो सकें।
नोट : इस लेख को सिर्फ और सिर्फ एजुकेशनल और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया हैं शेयर मार्केट में जोखिम शामिल होता हैं किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर कर लें ,ताकि आर्थिक हानि से बचा जा सकें।